अधिकर लोगो को नींद में खर्राटे लेने की आदत होती है। इससे आस पास के लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से कई बार लोगो को शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है। सोते समय गले के पीछे के ऊतक कंपन करते है। इससे कर्कश आवाज आती है, जिसे खर्राटे कहते है।
अधिकर लोगो को नींद में खर्राटे लेने की आदत होती है। इससे आस पास के लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से कई बार लोगो को शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है। सोते समय गले के पीछे के ऊतक कंपन करते है। इससे कर्कश आवाज आती है, जिसे खर्राटे कहते है।
यह आवाज नाक और मुंह से आती है। लंबे समय तक खर्ऱाटे आवे से दिल और दिमाग की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे दिन में थकान और कमजोरी महसूस होती है। डेली खर्ऱाटे आने से ब्लड में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इसके अलावा नींद में खर्राटे न सिर्फ सेहत पर ही नहीं रिलेशनशिप पर भी असर डालता है।
खर्राटों से छुटकारा पाने के लिए कई लोग नोज क्लिप का इस्तेमाल करते है। यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। खर्राटों की कर्कश आवाज से निजात मिल जाती है। ये नोज क्लिप नाक के मार्ग को चौड़ा करते है और वायु प्रवाह को बेहतर बनाते है। जिससे आवाज कम हो जाती है। एक वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के अनुसार नोज क्लिप का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है।
एक्यूसनोर एंटी स्नौर मैग्रेनेटिक नोट क्लिप में मैगनेट होती है और चेहरे पर किसी भी तरह के चुंबक का इस्तेमाल करने से दिक्कतें हो सकती है। हमारे शरीर के रक्त में आयरन की मात्रा बहुत अधिक होती है और चुंबक यानी मैगनेट रक्त वाहिकाओं में थक्के बना सकते है। जो जानलेवा हो सकते है। हालंकि खर्राटों से निजात पाने के लिए कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिसे फॉलो कर सकते हैं।
हल्के नाक बंद होने वाले व्यक्तियों के लिए नाक की पट्टियां या डाइटलेटर बहुत ही असरदार हो सकता है। इसका उपयोग बहुत से लोग करते है और ये एक प्रभावी उपाय है। नींद खर्राटों की समस्या से निजात पाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना बहुत ही असरदार हो सकता है।
वजन कम करने, शराब का सेवन कम करने और धूम्रपान छोड़ने से नींद अच्छी आती है। साथ ही खर्ऱाटों से छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा सोने के तरीके से भी खर्ऱाटों पर असर पड़ता है। पीठ के बल सोने के बजाय करवट लेकर सोने से गले की रुकावट को रोकने में हेल्प मिल सकती है। लगातार या तेज खर्राटे लेना, घुटन, हांफना और बहुत अधिक सोने जैसे लक्षण स्लीप एप्रिया या अन्य गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है।