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नवीकरणीय ऊर्जा को  सस्ता व सुलभ बनाने हेतु पश्चिमी देशों के कौशल, तकनीकी प्रयोग  बढ़ाने की जरूरत : ऊर्जा मंत्री 

प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा ने कहा कि  प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में भारत वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी प्रयास कर रहा है। इसको गति देने के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’’ तैयार किया गया है जिसके माध्यम से हरित ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के साथ ही एनर्जी ट्रांजीशन की ओर बढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ: प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा ने कहा कि  प्रधानमंत्री  के नेतृत्व में भारत वर्ष 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी प्रयास कर रहा है। इसको गति देने के लिए ‘‘उत्तर प्रदेश स्टेट एक्शन प्लान ऑन क्लाइमेट चेंज’’ तैयार किया गया है जिसके माध्यम से हरित ऊर्जा एवं ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के साथ ही एनर्जी ट्रांजीशन की ओर बढ़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
ऊर्जा मंत्री  एके शर्मा ने यह बात आज योजना भवन में विश्व आर्थिक मंच के पदाधिकारियों, विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ आयोजित गोलमेज सम्मेलन में कही। श्री शर्मा उत्तर प्रदेश में ‘‘सेन्टर फॉर द फोर्थ इन्डस्ट्रीयल रिवोल्यूशन’’ (सी4आईआर) की स्थापना के लिए आयोजित सम्मेलन में विश्व आर्थिक मंच के पदाधिकारियों से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश में सभी व्यक्तियों को सुरक्षित एवं पर्यावरण के अनुकूल विद्युत उपलब्ध हो, इसके लिए प्रयास किये जा रहे हैं फिर भी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम से आग्रह है कि पश्चिमी देशों के कौशल, ज्ञान एवं तकनीकी प्रयोग को उपलब्ध कराने का भी प्रयास करें जिससे कि नवीकरणीय ऊर्जा को और सस्ता एवं सुलभ बनाया जा सके। उन्होंने इन्टरनेशनल सोलर एलाएंस की नई तकनीकी प्रयोग को सौर ऊर्जा में बढ़ाने का आग्रह किया।

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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ऊर्जा उपभोग में देश का दूसरा बड़ा राज्य है। विगत वर्षों में यहां 1.50 करोड़ परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिये गये हैं। प्रदेश में 2030 तक 40 गीगावाट विद्युत पैदा करने का लक्ष्य है। विद्युत वितरण क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 56 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जाएंगे। बुन्देलखण्ड में 4000 मेगावाट का ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर बनाया जा रहा है। अतिरिक्त ऊर्जा से फरवरी, 2028 तक में 22 गीगावाट एनर्जी पैदा की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट को बढ़ाने के प्रयास किये जा रहे हैं। साथ ही ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में कार्य करने के लिए शीघ्र ही नई नीति बनायी जायेगी जिससे कि भविष्य में क्लीन एनर्जी और सस्टेनेबल ग्रोथ को हासिल किया जा सके। प्रदेश सरकार ने 01 ट्रिलीयन डॉलर इकोनॉमी बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए प्रदेश में निवेश को बढ़ाने के भी प्रयास किये जा रहे हैं।
सम्मेलन में राज्य मंत्री ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा  डॉ0 सोमेन्द्र तोमर, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष  एम0 देवराज, प्रबंध निदेशक  पंकज कुमार, प्रबंध निदेशक उत्पादन एवं पारेषण  पी0 गुरूप्रसाद, इन्वेस्ट यूपी के एससीईओ  प्रथमेश कुमार, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएन्सी के सचिव मिलिन्द देवरे, डब्ल्यूईएफ के पदाधिकारी  हर्ष विजय सिंह, रावर्टो वोका, व  देवमाल्या सेन, एनटीपीसी के ईडी  प्रवीन सक्सेना सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

 

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