Tokyo Olympics (2020) में भारत की स्टार भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने यादगार प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक (Lovlina Borgohain has won the bronze medal) अपने नाम किया है। हालांकि बुधवार को 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में लवलीना को तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली (Turkey's world number-1 boxer Busenaz Surmenelli) ने 5-0 से हार का सामना करना पड़ा है।
नई दिल्ली। Tokyo Olympics (2020) में भारत की स्टार भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन ने यादगार प्रदर्शन किया है। इसके साथ ही लवलीना बोरगोहेन ने कांस्य पदक (Lovlina Borgohain has won the bronze medal) अपने नाम किया है। हालांकि बुधवार को 69 किलो वेल्टरवेट कैटेगरी के सेमीफाइनल में लवलीना को तुर्की की वर्ल्ड नंबर-1 मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली (Turkey’s world number-1 boxer Busenaz Surmenelli) ने 5-0 से हार का सामना करना पड़ा है। इसी के साथ लवलीना बोरगोहेन (Lovlina Borgohain) ओलंपिक मुक्केबाजी इवेंट में पदक जीतने वाली तीसरी भारतीय बॉक्सर(3rd Indian boxer)बन गई हैं।
बता दें कि इससे पहले विजेंदर सिंह (Vijender Singh) और एमसीसी मैरीकॉम (MCC Mary Kom) यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। सबसे पहले विजेंदर सिंह ने बीजिंग ओलंपिक (2008) के मिडिलवेट कैटेगरी में कांस्य पदक जीता था। 2012 के लंदन ओलंपिक में एमसीसी मैरीकॉम ने फ्लाइवेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था।
ओवरऑल ओलंपिक मुक्केबाजी में भारत के पदक
विजेंदर सिंह
कांस्य पदक: बीजिंग ओलंपिक (2008)
एमसी मैरीकॉम
कांस्य पदक: लंदन ओलंपिक (2012)
लवलीना बोरगोहेन
कांस्य पदक: टोक्यो ओलंपिक (2020)
पहले राउंड में लवलीना ने आक्रामक होकर खेलने की कोशिश की, लेकिन तुर्की मुक्केबाज का पलड़ा भारी रहा है। इस दौरान लवलीना ने कुछ सॉलिड लेफ्ट और राइट अपर कट जड़े। वहीं, सुरमेनेली ने भी कुछ सॉलिड पंच जड़े। पहले रांउड में पांचों जजों ने विपक्षी मुक्केबाज को बेहतर माना।
दूसरे और तीसरे राउंड में भी तुर्की की मुक्केबाज का पलड़ा काफी भारी रहा। आक्रामक होकर खेलने की कोशिश में लवलीना को दूसरे राउंड में चेतावनी के तौर पर एक अंक भी गंवाना पड़ा। दूसरे और तीसरे राउंड में भी पांचों जजों ने बुसेनाज सुरमेनेली (Busenaz Surmenelli)को बेहतर मुक्केबाज ठहराया। मैच में लवलीना को पहले और दूसरे जज ने 26-26, जबकि बाकी के तीन जजों ने 25-25 अंक दिए। वहीं, बुसेनाज सुरमेनेली को पांचों जजों ने 30-30 अंक दिए।
असम की 23 साल की मुक्केबाज लवलीना बोरगोहोन की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ यह पहली भिड़ंत थी। हालांकि लवलीना और तुर्की की मुक्केबाज ने 2019 के चैम्पियनशिप में भाग लिया था। उस चैम्पियनशिप में बुसेनाज सुरमेनेली ने स्वर्ण और लवलीना ने कांस्य पदक अपने नाम किया था, लेकिन तब इन दोनों खिलाड़ियों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था।
पहली बार ओलंपिक में हिस्सा ले रहीं भारतीय मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन ने (69 किग्रा) ने अपने ओलंपिक अभियान का शानदार आगाज किया था। 27 जुलाई को अपने पहले मुकाबले में लवलीना ने जर्मनी की अनुभवी नेदिन एपेट्ज को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। फिर शुक्रवार को क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीनी ताइपे की निएन चिन चेन को 4-1 से शिकस्त दी थी। इसके साथ ही लवलीना ने भारत के लिए पदक जीतना सुनिश्चित कर लिया था।
लवलीना ने मार्च 2020 में आयोजित एशिया/ओसनिया ओलंपिक क्वालिफायर के सेमीफाइनल में पहुंचकर टोक्यो के लिए क्वालिफाई किया था। लवलीना ने क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान की मफतुनाखोन मेलिएवा को 5-0 से हराकर यह उपलब्धि हासिल की। हालांकि इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में लवलीना चीनी मुक्केबाज होंग गु से हार गई थीं, जिसके चलते उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा है।