Trump-Putin Deal: अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औरर डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक को बेनतीजा माना जा रहा था, लेकिन अब जो बात निकलकर सामने आयी है, वह यूक्रेन के लिए परेशान करने वाली हो सकती है। दरअसल, ट्रंप ने पुतिन से बैठक के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बातचीत के बारे में बताया था और कहा था कि जेलेंस्की सोमवार को अमेरिका पहुंचेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप इस मुलाकात के दौरान ज़ेलेंस्की पर यूक्रेन के कुछ प्रमुख इलाकों को रूस को सौंपने का दबाव बना सकते हैं।
Trump-Putin Deal: अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन औरर डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक को बेनतीजा माना जा रहा था, लेकिन अब जो बात निकलकर सामने आयी है, वह यूक्रेन के लिए परेशान करने वाली हो सकती है। दरअसल, ट्रंप ने पुतिन से बैठक के बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से फोन पर बातचीत के बारे में बताया था और कहा था कि जेलेंस्की सोमवार को अमेरिका पहुंचेंगे। रिपोर्ट्स की मानें तो ट्रंप इस मुलाकात के दौरान ज़ेलेंस्की पर यूक्रेन के कुछ प्रमुख इलाकों को रूस को सौंपने का दबाव बना सकते हैं।
यूक्रेन के इस हिस्से पर रूस की नजर
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने चार साल तक युद्धविराम के लिए यूक्रेन की ओर से डोनबास को छोड़ने की शर्त रखी थी। अलास्का में ट्रंप के साथ बैठक से पहले भी रूस ने डोनबास पर कब्जे की कोशिश की थी। डोनबास के डोनेत्स्क में अभी रूस का कंट्रोल नहीं है, लेकिन उसने डोनबास के लुहान्स्क को अपने कब्जे में ले लिया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप और पुतिन की बैठक के बाद ही कह दिया था कि वह फ्रंट लाइन पर मौजूदा स्थिति को भी मानने को तैयार नहीं हैं। ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस ने यूक्रेन के जिन इलाकों पर जबरन कब्जा किया है, उसे आज़ाद करे। अगर पुतिन अपनी जिद पर अड़े रहते हैं तो इससे युद्ध रुकने वाला नहीं है।
हालांकि, रूस का कहना है कि अगर यूक्रेन उसे डोनबास को सौंप देता है तो इसके बदले में वह छोटे यूक्रेनी इलाकों को लौटा देगा। अब ट्रंप और पुतिन की इस सांठगांठ को लेकर यूरोपीय देशों को चिंता होने लगी है, क्योंकि अब बात सीजफायर से पीस डील पर ट्रांसफर होने लगी है जो कि वास्तव में एक बिजनेस डील है। वहीं, अमेरिका पहले से ही यूक्रेन के मिनरल्स पर अपनी नजरें गड़ाए हुए है। इससे स्पष्ट है कि अमेरिका किसी तरह यूक्रेन पर दबाव डालकर रूस को खुश करना चाहता है। वहीं, शांति समझौते का श्रेय ट्रंप लेना चाहते हैं।
ट्रंप ने सीजफायर की जगह शांति समझौते पर दिया ज़ोर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा, “अलास्का में एक शानदार और बेहद सफल दिन! रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक बहुत अच्छी रही, साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और नाटो के अत्यंत सम्मानित महासचिव सहित विभिन्न यूरोपीय नेताओं के साथ देर रात हुई फ़ोन कॉल भी बहुत अच्छी रही। सभी ने यह तय किया कि रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका सीधे शांति समझौते पर पहुँचना है, जिससे युद्ध समाप्त हो जाएगा, न कि केवल युद्धविराम समझौता, जो अक्सर टिक नहीं पाता। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की सोमवार दोपहर को डी.सी., ओवल ऑफिस, आएँगे। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हम राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक बैठक का कार्यक्रम तय करेंगे। संभवतः, लाखों लोगों की जान बच जाएगी।”