सनातन धर्म में तुलसी की माला को बहुत पवित्र माना जाता है। आयुर्वेद में इसकी महिमा का वर्णन मिलता है। माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से कई फायदे होते हैं। तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है।
Tulsi-Mala Ki Mahima : सनातन धर्म में तुलसी की माला को बहुत पवित्र माना जाता है। आयुर्वेद में इसकी महिमा का वर्णन मिलता है। माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से कई फायदे होते हैं। तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है। यह गर्म और त्रिदोषशामक है। रक्तविकार, ज्वर, वायु, खाँसी एवं कृमि निवारक है तथा हृदय के लिए हितकारी है। यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजन आदि कार्य करें तो वह कोटि गुना फल देने वाला होता है। माला से जाप करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। पूजा पाठ में विभिन्न तरह की माला का प्रयोग किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, तुलसी की माला में स्वयं मां लक्ष्मी का वास होता है।
सफेद तुलसी
सफेद तुलसी के सेवन से त्वचा, मांस और हड्डियों के रोग दूर होते हैं।
काली तुलसी
काली तुलसी के सेवन से सफेद दाग दूर होते हैं।
ज्वर में उपयोगी
तुलसी की जड़ और पत्ते ज्वर में उपयोगी हैं। वीर्यदोष में इसके बीज उत्तम हैं तुलसी की चाय पीने से ज्वर, आलस्य, सुस्ती तथा वात, पित्त विकार दूर होते हैं, भूख बढ़ती है।
रामबाण औषधि
तुलसी सेवन से शरीर स्वस्थ और सुडौल बनता है। मंदाग्नि, कब्जियत, गैस, अम्लता आदि रोगों के लिए यह रामबाण औषधि सिद्ध हुई है।
संक्रामक रोगों से रक्षा
गले में तुलसी की माला धारण करने से जीवन शक्ति बढ़ती है, आवश्यक एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव में लाभ होता है, संक्रामक रोगों से रक्षा होती है तथा शरीर स्वास्थ्य में सुधार होकर दीर्घायु की प्राप्ति होती है।