सनातन धर्म में माला धारण करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। पूजा, अनुष्ठान, जप ,तप, यज्ञ में माला जपने का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से लोग माला जाप कर पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।
Tulsi Mala : सनातन धर्म में माला धारण करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। पूजा, अनुष्ठान, जप ,तप, यज्ञ में माला जपने का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से लोग माला जाप कर पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं। पौराणिक मान्यता है कि माला जप करने से व्यक्ति को जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। मान्यता के अनुसार, तुलसी की माला से जगत के पालनहार भगवान श्रीहरी के मंत्रों का जाप करना अधिक फलदायी होता है। माला से जाप करने पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। पूजा पाठ में विभिन्न तरह की माला का प्रयोग किया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, तुलसी की माला में स्वयं मां लक्ष्मी का वास होता है और तुलसी की माला से जाप करने पर भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं
सुख-समृद्धि : तुलसी की माला धारण करने से घर में सुख समृद्धि आती है। तुलसी की माला में माता लक्ष्मी का वास होता है। इसे धारण करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
सकारात्मक ऊर्जा : तुलसी की माला धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है। मन में आ रहे नकारात्मक विचारों से छुटकारा मिलता है, चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
ग्रह मजबूत : तुलसी की माला धारण करने पर बुध और शुक्र ग्रह मजबूत रहते हैं। तुलसी की माला को धारण करने से मन शांत रहता है।
तुलसी माला पहनने के नियम
1. तुलसी की माला धारण करने के बाद मांस मदिरा नहीं छूना चाहिए हैं।
2. इसको धारण करने के बाद लहसुन प्याज का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
3. तुलसी की माला को एक बार पहनने के बाद बार-बार उतारना नहीं चाहिए।
4. तुलसी माला को पहनने से पहले गंगाजल से धो लीजिए।