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उद्धव का एकनाथ पर इमोशनल वार, बोले-मुझे सत्ता का मोह नहीं, लेकिन बगावत का तरीका ठीक नहीं

Uddhav Thackeray Emotional Speech: शिवसेना (Shiv Sena)  के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के चलते सत्ता और पार्टी संकट में पड़ती नजर आ रही है। इसके बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को एक बार फिर से इमोशनल कार्ड (Emotional Card) खेला है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Uddhav Thackeray Emotional Speech: शिवसेना (Shiv Sena)  के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत के चलते सत्ता और पार्टी संकट में पड़ती नजर आ रही है। इसके बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने शुक्रवार को एक बार फिर से इमोशनल कार्ड (Emotional Card) खेला है।

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पार्टी नेताओं की बैठक में उन्होंने कहा कि भले ही मैंने सीएम आवास जरूर छोड़ दिया है, लेकिन लड़ाई नहीं छोड़ी है। उन्होंने सीएम बनने के साथ ही समस्याएं शुरू होने का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो साल से कोविड चल रहा था। कोविड खत्म हुआ तो मेरी गर्दन में दर्द शुरू हुआ। अब यह समस्या है। यह याद रखना जरूरी है कि कौन किस समय कैसा व्यवहार करेगा। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं बीमार था और कुछ लोगों ने दुआ की कि मैं ठीक न होऊं।

यही नहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को अपनी ओर से तवज्जो दिए जाने की भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने बात की है। उन्होंने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के लिए क्या-क्या किया। मैंने शहरी विकास का मंत्रालय (Ministry of Urban Development) दिया, मैंने अपने हिस्से के दो मंत्रालय उनके हवाले कर दिए थे। बुरे आरोपों के बावजूद मैंने संजय राठौर का ख्याल रखा और इन लोगों ने ऐसा किया है। यही नहीं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने अपने परिवार को शिवसेना की जड़ बताते हुए कहा कि वे लोग शिवसेना (Shiv Sena)  और ठाकरे फैमिली के बिना कुछ नहीं कर पाएंगे। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि ‘पेड़ों पर फूल होते हैं, शाखाएं होती है। लेकिन वे जड़ तो नहीं हो जाती हैं। यदि कोई छोड़ गया है तो फिर मैं बुरा क्यों मानूं। सूखे पत्तों को जाने दो, नए आ जाएंगे।’

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने कहा कि यह जो स्थिति पैदा हो गई है, उसके बारे में तो हमने सपने में भी नहीं सोचा था। हमें पद का कोई मोह नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं बीमार था और फिर गर्दन में दर्द था, जिसका ऑपरेशन हुआ। लेकिन उसके पीछे ही एक दूसरा ऑपरेशन कुछ लोग चलाने लगे। यही नहीं बीमारी का हवाला देते हुए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कर रहे थे कि मैं ठीक ही न होऊं, लेकिम मुझे ऐसे लोगों की कोई परवाह नहीं है। मुझे सत्ता का कोई मोह नहीं है, लेकिन जिस तरीके से बगावत की गई है, वह ठीक नहीं है।

उद्धव बोले- अपने हिस्से के मंत्रालय भी मैंने शिंदे को दिए थे

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यही नहीं एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)  को अपनी ओर से तवज्जो दिए जाने की भी उद्धव ठाकरे ने बात की। उन्होंने कहा कि मैंने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)  के लिए क्या-क्या किया। मैंने शहरी विकास का मंत्रालय दिया, मैंने अपने हिस्से के दो मंत्रालय उनके हवाले कर दिए थे। बुरे आरोपों के बावजूद मैंने संजय राठौर का ख्याल रखा और इन लोगों ने ऐसा किया है। यही नहीं उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने अपने परिवार को शिवसेना (Shiv Sena)  की जड़ बताते हुए कहा कि वे लोग शिवसेना (Shiv Sena) और ठाकरे फैमिली के बिना कुछ नहीं कर पाएंगे। उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray)  ने कहा कि ‘पेड़ों पर फूल होते हैं, शाखाएं होती है, लेकिन वे जड़ तो नहीं हो जाती हैं। यदि कोई छोड़ गया है तो फिर मैं बुरा क्यों मानूं। सूखे पत्तों को जाने दो, नए आ जाएंगे।’

पैसों के लिए कुछ लोग गुवाहाटी गए, परिवार के सदस्य ने दिया धोखा : आदित्य

इस मौके पर आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने कहा कि जो लोग गुवाहाटी गए हैं वो सिर्फ पैसे के लिए गए हैं। जो लोग गए हैं उनको कुछ समय के लिए कुछ मिलेगा लेकिन ज्यादा समय तक नहीं। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार के सदस्य ने ही धोखा दिया है। इससे पहले भी कुछ लोगों ने धोखा दिया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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