संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) में कोरोना वायरस ( corona virus) के ऑरिजिन के स्टडी (origin study) के जांच के लिए दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा है। इस जांच के बाद पता चल सकता है कि इस वायरस की शुरुआत किस देश से हुई। हालांकि इसकी जांच को लेकर चीन शुरू से आनाकानी करता रहा है।अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के दूसरे चरण की जांच को लेकर तैयार है। इस पर चीन ने सवाल उठाते हुए दूसरे चरण की जांच को 'राजनीतिक हेरफेर का एक प्रोडक्ट' बता दिया है।
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) में कोरोना वायरस ( corona virus) के ऑरिजिन के स्टडी (origin study) के जांच के लिए दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा है। इस जांच के बाद पता चल सकता है कि इस वायरस की शुरुआत किस देश से हुई। हालांकि इसकी जांच को लेकर चीन शुरू से आनाकानी करता रहा है।
अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के दूसरे चरण की जांच को लेकर तैयार है। इस पर चीन ने सवाल उठाते हुए दूसरे चरण की जांच को ‘राजनीतिक हेरफेर का एक प्रोडक्ट’ बता दिया है। चीनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (Chinese National Health Commission) ने डब्ल्यूएचओ (WHO) के दूसरे चरण की जांच की योजना को खारिज कर दिया है। चीन के इस कदम की अमेरिका सहित कई देश आलोचना कर रहे हैं।
तो वहीं इस मामले को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चीन सहित सभी सदस्य देशों से सहयोग की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने मीडिया से कहा कि, ‘हम चीन सहित सभी सदस्य देशों से विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ पूरी तरह से सहयोग करने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा कि अगर डब्ल्यूएचओ संदेह तो हम उम्मीद करते हैं कि सभी सदस्य देश सहयोग करेंगे।
चीन ने दूसरे जांच को बताया ‘राजनीतिक हेरफेर का एक प्रोडक्ट’
बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने जुलाई की शुरुआत में चीन में कोरोना वायरस के ऑरिजिन के स्टडी के लिए दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा था। इसके तहत चीन के अधिकारियों से वुहान शहर (wuhan city) के बाज़ार, लैब्स की जांच में पारदर्शिता की मांग की थी। बीते 22 जुलाई को चीन ने डब्ल्यूएचओ के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके साथ कहा कि डब्ल्यूएचओ की योजना के मानदंड ‘अपमानजनक’ थे।
लैब-लीक थ्योरी एंगल जांच में सहयोग नहीं कर रहा है चीन
पूरी दुनिया में इन के दिनों में कोरोना के लैब-लीक थ्योरी पर तेजी से चर्चा हो रही है। इसी सुर में सुर मिलाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी लैब-लीक थ्योरी एंगल से जांच की बात कही थी। साथ ही उन्होंने अमेरिकी जांच एजेंसियों से वायरस के ऑरिजन का पता लगाने को कहा है।
डब्ल्यूएचओ की टीम कोरोना वायरस के ऑरिजन का पता लगाने के लिए 2021 के शुरुआत में चीन पहुंची थी, लेकिन टीम को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था, क्योंकि चीन ने इस जांच में सहयोग नहीं किया था।