कांग्रेस (Congress) ने यूपी की राज्य, जिला, शहर और ब्लॉक कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (Organization General Secretary KC Venugopal) के तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे (Mallikarjun Kharge) ने कमेटियों को भंग करने को स्वीकृति दी है। इस कदम को बड़े संगठनात्मक बदलाव के नजरिए से देखा जा रहा है।
लखनऊ। कांग्रेस (Congress) ने यूपी की राज्य, जिला, शहर और ब्लॉक कमेटियों को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल (Organization General Secretary KC Venugopal) के तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे (Mallikarjun Kharge) ने कमेटियों को भंग करने को स्वीकृति दी है। इस कदम को बड़े संगठनात्मक बदलाव के नजरिए से देखा जा रहा है।
यूपी कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी (UP Congress Spokesperson Anshu Awasthi) ने बताया कि संगठन के पुनर्निर्माण और यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) के मद्देनजर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश नेतृत्व के संगठन को भंग करने का फैसला लिया है। साथ ही नई कार्यकारिणी लाने के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वर्तमान प्रदेश कमेटी, जिला, शहर कमेटी, और ब्लॉक कमेटी भंग की है। उन्होंने बताया कि नई कमेटी आने तक संगठन के जो 46 प्रकोष्ठ व विभाग हैं, उनके चेयरमैन अपने पद पर कार्यवाहक रूप में काम करते रहेंगे। कांग्रेस प्रवक्ता (Congress Spokesperson) ने कहा कि आगामी यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) को लेकर कांग्रेस पार्टी (Congress Party) पूरी मजबूती से एक नई रणनीति के साथ जनता के बीच जाएगी।
नए सिरे से बनेगी कमेटी
अंशु अवस्थी (Anshu Awasthi) ने कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस से आशान्वित है, इसके लिए संगठन का पुनर्निर्माण आवश्यक था। इसी को ध्यान रखते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे (National President Mallikarjun Kharge) ने सभी कमेटी भंग करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक नई ऊर्जा के साथ प्रदेश कार्यकारिणी और जिला, शहर और ब्लॉक अध्यक्ष की घोषणा क्रमवार होगी।
यूपी विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारी में जुटी कांग्रेस
बता दें 2027 में यूपी की 403 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव में भले ही अभी सालों का समय बाकी हो, लेकिन सभी दल अभी से तैयारियों में जुट गए है। सबसे पहले सभी दल अपने संगठन में ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को जगह देना चाहती है। लगभग सभी पार्टियां नई टीम के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के चुनावी दंगल में उतरेंगे।