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यूपी में ई-ऑफिस प्रणाली साबित हो रही कागजी घोड़ा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक करीब डेढ़ माह से दबाकर बैठे हैं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के स्थानांतरण की फाइल

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सरकारी विभागों में कार्य में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली (E-office System) लागू किया था। इस प्रणाली का उद्देश्य फाइलों के अनावश्यक विलंब, भ्रष्टाचार को रोकना और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाना था, लेकिन यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak)  भाजपा सरकार की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।

By टीम पर्दाफाश 
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लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने सरकारी विभागों में कार्य में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए ई-ऑफिस प्रणाली (E-office System) लागू किया था। इस प्रणाली का उद्देश्य फाइलों के अनावश्यक विलंब, भ्रष्टाचार को रोकना और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता लाना था, लेकिन यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak)  भाजपा सरकार की मंशा पर पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।

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ताजा मामला उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak) से जुड़ा सामने आ रहा है, जिन पर ई-फाइलिंग नियमों की अनदेखी और महत्वपूर्ण फाइलों को महीनों तक रोककर रखने के आरोप लग रहे हैं। नियमानुसार, किसी भी फाइल को तीन दिनों के भीतर निपटाना जरूरी है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के पास कुछ फाइलें एक महीने से अधिक समय तक अटकी हुई हैं। इन्हीं फाइलों में से एक फाइल जो कि मुख्य चिकित्साधीक्षक के स्थानांतरण के संबंध में जिसका फाइल नंबर- S2099/272/2024 है, जो अपने पास 17 फ़रवरी 2025 से रोक कर रखे हैं। प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा चिकित्सालयों में मुख्य चिकित्सधीक्षकों की तैनाती नहीं हुई है जिससे स्वास्थ्य व्यस्था बेपटरी हो चुकी है। आम जनता को दवाओं सहित अन्य स्वस्थ्य सेवाएं मिलना दुशवार हो चुका है। लेकिन स्वास्थय मंत्री के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है और करीब डेढ़ माह होने को फाइल अपने पास दबाकर बैठे हुए हैं।

मुख्यमंत्री के आदेशों की भी अनदेखी?

अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आए दिन जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) के पालन करने दावा करते नहीं थकते हैं और उन्हीं के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak)  भाजपा सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। अब यह सवाल उठाता है कि जब सरकार प्रशासनिक सुधारों की दिशा में कड़े कदम उठा रही है, तो खुद सरकार के वरिष्ठ मंत्री ही इन नियमों का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?

भ्रष्टाचार और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल
ब्रजेश पाठक के तरफ से नियमों का उल्लंघन और प्रशासनिक लापरवाही के बाद सवाल यह भी उठता है कि अगर सरकार के ही बड़े मंत्री , मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं, तो बाकी अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

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क्या होगी कार्रवाई?

इस मामले को लेकर अभी तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन यदि नियमों का पालन नहीं किया गया, तो इस पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)  प्रशासनिक सुधारों को लेकर बेहद सख्त माने जाते हैं और ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले पर सरकार क्या कदम उठाती है? ऐसे में यह देखना होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy Chief Minister Brajesh Pathak)  से इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण मांगती या फिर ई-ऑफिस प्रणाली (E-office System)  सिर्फ कागजी घोड़ा ही साबित होगी।

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