UP Election 2022: गोरखपुर जिले को यूपी के सीमए योगी आदित्यनाथ कर्मभूमि कहा जाता है। यहां की गोरखपुर लोकसभा सीट से सीएम योगी 1998 से लगातार सांसद निर्वाचित होकर बीजेपी का बड़ा चेहरा बनकर उभरे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने थे। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू करते हुए 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव में 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे।
UP Election 2022: गोरखपुर जिले को यूपी के सीमए योगी आदित्यनाथ कर्मभूमि कहा जाता है। यहां की गोरखपुर लोकसभा सीट से सीएम योगी 1998 से लगातार सांसद निर्वाचित होकर बीजेपी का बड़ा चेहरा बनकर उभरे। 2014 में पांचवी बार योगी सांसद बने थे। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू करते हुए 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव में 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे।
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी का दबदबा माना जाता है। हालांकि गोरखपुर लोकसभा सीट हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने बीजेपी प्रत्याशी को पटखनी देते हुए साइकिल दौड़ाई थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के हौंसले बुलंद नजर आ रहे हैं।
2022 में हो रहे यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने गोरखपुर जनपद की सभी सातों सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। कुछ विधानसभा सीटों पर नए चेहरों पर दांव लगाया है, तो कुछ जगहों पर पुराने नामों पर भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में शहर के साथ ही कैंपियरगंज विधानसभा सीट पर कांग्रेस से समझौते के अन्तर्गत अपने कोई भी उम्मीदवार नहीं उतारे थे, लेकिन इस बार सपा इन जगहों पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश में थी। वर्तमान भाजपा विधायक राधा मोहन अग्रवाल को इसी सीट से लड़ाने की पेशकश की थी। लेकिन अग्रवाल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। समाजवादी पार्टी ने जिन पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है, उनमें से ग्रामीण से विजय बहादुर व सहजनवां से यशपाल रावत है। जो साल 2017 में दूसरे नंबर पर थे। बता दें कि मगर वर्तमान विधायक विनय शंकर तिवारी के बसपा का दामन छोड़ कर सपा में शामिल हो जाने से पार्टी ने उन्हें ही उम्मीदवार घोषित किया है।
इन जगहों से कौन-कौन लड़ेगा चुनाव?
गोरखपुर ग्रामीण-विजय बहादुर यादव
पिपराइच- अमरेंद्र निषाद
सहजनवां- यशपाल रावत
खजनी- रूपावती बेलदार
कैंपियरगंज- काजल निषाद
बांसगांव- डॉ संजय कुमार
चिल्लूपार- विनय शंकर तिवारी पुत्र हरिशंकर तिवारी।