aaसरकार की साख को नुकसान पहुंचाने के साथ ही उद्योमियों को भी ब्लैकमेल कर रहे हैं। सबसे अहम बात ये है कि ये पत्रकार जिस चैनल को सेटेलाइट बताते हैं वो सिर्फ यूट्यूब पर ही दिखता है। यही नहीं, चैनल के सेटेलाइट होने का दावा करके वो करोड़ों रुपये का विज्ञापन भी सूचना विभाग से ले चुके हैं। ऐसे में इन चैनलों और पत्रकारों पर सवाल उठाता है?
लखनऊ। चैनलों की फ्रेंचाइजी लेकर यूपी और उत्तराखंड में चलाने का दावा करने वाले कुछ पत्रकार ब्लैकमेलिंग के काम में जुटे हुए हैं। वो सरकार की साख को नुकसान पहुंचाने के साथ ही उद्योमियों को भी ब्लैकमेल कर रहे हैं। सबसे अहम बात ये है कि ये पत्रकार जिस चैनल को सेटेलाइट बताते हैं वो सिर्फ यूट्यूब पर ही दिखता है। यही नहीं, चैनल के सेटेलाइट होने का दावा करके वो करोड़ों रुपये का विज्ञापन भी सूचना विभाग से ले चुके हैं। ऐसे में इन चैनलों और पत्रकारों पर सवाल उठाता है?
यही नहीं इनमें कुछ पत्रकार जो अपराधिक घटनाओं में भी लिप्त थे। अब उन्होंने जालसाजी करके यूपी सरकार से सुरक्षा भी ले ली है। ऐसे में ये एक बड़ा सवाल है। सबसे बड़ी बात ये है कि इसी सुरक्षा के आधार पर ये लोगों पर रैब गांठते हुए कहते हैं कि उन्हें सरकार से सुरक्षा मिली है और खुद की सरकार में पहुंच होने का दावा करते हैं।
इनके द्वारा कुछ उद्योमियों को भी ब्लैकमेल किया जा रहा है, जिसकी सूचना सरकार को पर्दाफाश की टीम दे चुकी है। लेकिन सरकार इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाई। सबसे अहम बात ये है कि ये पत्रकार मायावती सरकार से लेकर अब तक केवल ब्लैकमेलिंग करके सैकड़ों करोड़ की प्रॉपर्टी बना लिए हैं। आज भी ये सरकार में खुद के पहुंच होने का दावा करके ब्लैकमेलिंग का काम कर रहे हैं।