उत्तर प्रदेश में अब तक 75 जिले थे लेकिन अब 76वां जिला बनाने की तैयारी जारी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में घोषणा की। नए जिले का नाम कल्याण सिंह नगर होगा। हालांकि यूपी में सरकार ने अब तक इस तरह का कोई प्रस्ताव विधानसभा में पेश नहीं किया लेकिन माना जा सकता है कि अगर मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है तो इस बारे में प्रस्ताव भी विधानसभा में आ ही जाएगा। नया जिला अलीगढ़ और बुलंदशहर के क्षेत्रों को काटकर बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अब तक 75 जिले थे लेकिन अब 76वां जिला बनाने की तैयारी जारी है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बारे में घोषणा की। नए जिले का नाम कल्याण सिंह नगर होगा। हालांकि यूपी में सरकार ने अब तक इस तरह का कोई प्रस्ताव विधानसभा में पेश नहीं किया लेकिन माना जा सकता है कि अगर मुख्यमंत्री ने घोषणा कर दी है तो इस बारे में प्रस्ताव भी विधानसभा में आ ही जाएगा। नया जिला अलीगढ़ और बुलंदशहर के क्षेत्रों को काटकर बनाया जाएगा। चूंकि ये इलाका पूर्व सीएम कल्याण सिंह की जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है, लिहाजा इसे उनके नाम पर ही बनाया जा रहा है। आइए जानते हैं कि नया जिला बनाने में कितना खर्च आता है और नए जिले का निर्माण कैसे होता है।
भारत में फिलहाल 797 जिले हैं, जो 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल हैं।जब भारत वर्ष 1947 में आज़ाद हुआ, तब देश में करीब 230 जिले थे, जिनमें ब्रिटिश भारत के 17 प्रांतों और सैकड़ों रियासतों के क्षेत्रों को मिलाया गया था. आज़ादी के समय उत्तर प्रदेश में 35-38 जिले थे; उस समय इसे संयुक्त प्रांत कहा जाता था, बाद में इसका नाम उत्तर प्रदेश रखा गया।
पिछले दस सालों (2015-2025) में देशभर में सबसे ज्यादा नए जिले राजस्थान राज्य में बने, जहां 19 नए जिलों का गठन हुआ है. इसी दौरान आंध्र प्रदेश ने भी जिलों की संख्या एक बार में 19 बढ़ाई. मध्य प्रदेश में पिछले करीब 24 सालों में 10 नए जिले बने हैं, जिसमें 2015-2025 के बीच भी कुछ जिले शामिल हैं. पश्चिम बंगाल की सरकार ने 2022 में 7 नए जिलों के गठन का निर्णय लिया. देशभर में पिछले दस सालों में 40 से अधिक नए जिलों का गठन हुआ।
सवाल – नये जिले कैसे बनाये जाते हैं?
नए ज़िले बनाने या मौजूदा ज़िलों में बदलाव या उन्हें समाप्त करने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है. यह या तो एक कार्यकारी आदेश के ज़रिए या राज्य विधानसभा में क़ानून पारित करके किया जा सकता है. कई राज्य केवल आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके कार्यकारी मार्ग अपनाते हैं.