HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. विवेक रामास्वामी बोले- पहचान के संकट से जूझ रहा है अमेरिका , मैं राष्ट्रपति बना तो खत्म करुंगा शिक्षा विभाग

विवेक रामास्वामी बोले- पहचान के संकट से जूझ रहा है अमेरिका , मैं राष्ट्रपति बना तो खत्म करुंगा शिक्षा विभाग

अमेरिका (America) में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय पहचान के संकट से जूझ रहा है। रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी लोगों के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि देश से शिक्षा विभाग और जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) को खत्म कर देना चाहिए।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अमेरिका (America) में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के दावेदार विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा कि अमेरिका राष्ट्रीय पहचान के संकट से जूझ रहा है। रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी लोगों के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है। उन्होंने कहा कि देश से शिक्षा विभाग और जांच एजेंसी एफबीआई (FBI) को खत्म कर देना चाहिए।

पढ़ें :- योगी के मंत्री मनोहर लाल के काफिले पर अटैक, सुरक्षाकर्मी और स्टाफ को पीटा, पिस्टल भी लूटी

बता दें कि वॉशिंगटन में रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) का सालाना कार्यक्रम कंजरवेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (Conservative Political Action Conference) आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम को 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी (Republican Party) के दावेदार संबोधित कर रहे हैं। बता दें कि निकी हेली, विवेक रामास्वामी और डोनाल्ड ट्रंप पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के दावेदार हैं। पांच मार्च को विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy)  ने कार्यक्रम के दौरान अपना भाषण दिया। जिसमें रामास्वामी ने कहा कि अमेरिका पहचान के संकट से जूझ रहा है।

विवेक रामास्वामी ने कहा कि उनका एजेंडा ‘अमेरिका फर्स्ट’ का है

रामास्वामी ने कहा कि मैं 37 साल का हूं और मेरी तरह ही मेरी पीढ़ी के लोगों के पास कोई उद्देश्य ही नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर कुछ करने की भूख नहीं है। एक समय था, जब अमेरिकी लोगों के जीवन का उद्देश्य था, उनमें आस्था थी, देशभक्ति थी, वह मेहनती थे और परिवार था, लेकिन आज ये सब चीजें खत्म हो चुकी हैं। आज हमारे पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि एक अमेरिकी होने का मतलब क्या होता है। आज रिपब्लिकन पार्टी के पास मौका है कि वह इस खाली जगह को भर सकती है और अमेरिका के लोगों को एक विजन और राष्ट्रीय पहचान दे सकती है। विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा कि उनका एजेंडा ‘अमेरिका फर्स्ट’ का है। उन्होंने कहा कि हमें यह फिर से पता करना होगा कि अमेरिका क्या है। अमेरिका में Wokeness(जागृति) एक जहर की तरह देश को भ्रमित कर रही है।

नस्ल, लिंग और जलवायु ने अमेरिका को असमंजस स्थिति में पहुंचाया

पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : अखिलेश यादव ,बोले - ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन व प्रशासन की लापरवाही, ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का मामला

रामास्वामी ने अपने भाषण में कहा कि अमेरिका को तीन धर्मनिरपेक्ष धर्मों- नस्ल, लिंग और जलवायु ने असमंजस की स्थिति में पहुंचा दिया है। उन्होंने कहा कि पहले तो अमेरिकी लोग त्वचा के रंग से अपनी पहचान को जोड़ते हैं और वहां योग्यता पर किसी का ध्यान नहीं है। अगर कोई व्यक्ति गोरा है तो वह उच्च है और जो काला है वो निम्न। इससे अमेरिका में डर का माहौल पैदा हुआ है। यह हमारे देश की आत्मा के लिए कैंसर की तरह है। रामास्वामी ने लैंगिक भेदभाव और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों को भी अमेरिका के लिए समस्या बताया। हमें कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) कम करने की जरूरत है और इसके लिए न्यूक्लियर ऊर्जा को अपनाना होगा क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission)नहीं होता है।

चीन से भी आजादी पाने की जरूरत

रामास्वामी ने कहा कि आज हमें चीन से भी आजादी पाने की जरूरत है। अगर आज थॉमस जेफरसन (Thomas Jefferson) जिंदा होते तो वह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस (Declaration of Independence) की जगह डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस फ्राम चाइना पर हस्ताक्षर (Declaration of Independence from China signed) करते। विवेक रामास्वामी ने कहा कि हमें अमेरिकी कंपनियों के चीन में बिजनेस करने पर प्रतिबंध लगाना होगा। खासकर तब तक जब तक चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) का पतन नहीं हो जाता या फिर वह अपने आप को पूरी तरह से बदल नहीं लेती। हमें आज चेंबरलेन की नहीं चर्चिल की जरूरत है। हमें मतदान चक्र की बजाय इतिहास के परिपेक्ष से सोचना होगा।

एफबीआई की जगह एक दूसरी एजेंसी को लाने की जरूरत 

विवेक रामास्वामी (Vivek Ramaswamy) ने कहा कि हमें शिक्षा विभाग को खत्म करने की जरूरत है। साथ ही हमें एफबीआई को भी खत्म करने और इसकी जगह एक दूसरी एजेंसी को लाने की जरूरत है क्योंकि हमें जे एडगर हूवर की उस नीति को खत्म करने की जरूरत है, जिसमें उन्होंने अमेरिका को स्व-शासन देश बनाया था।

पढ़ें :- Jhansi Medical College Fire Accident : एंट्री-एग्जिट का रास्ता एक, धुआं भरने से नहीं हो पाया रेस्क्यू और खत्म हुईं 10 जिंदगियां

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...