Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग (Uttarakhand Tunnel Rescue Operation) हादसे को 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक सफलता नहीं मिल पायी है। हालांकि, रेस्क्यू टीम की ओर से मजदूरों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन बार-बार आ रही रुकावटों के चलते रेस्क्यू में देरी हो रही है। वहीं, अब मौसम नई मुसीबत की तरफ इशारा कर रहा है।
Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग (Uttarakhand Tunnel Rescue Operation) हादसे को 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक सफलता नहीं मिल पायी है। हालांकि, रेस्क्यू टीम की ओर से मजदूरों को निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन बार-बार आ रही रुकावटों के चलते रेस्क्यू में देरी हो रही है। वहीं, अब मौसम नई मुसीबत की तरफ इशारा कर रहा है।
दरअसल, सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए ड्रिलिंग के दौरान कई बार ऑगर मशीन (Auger Machine) खराब हो गयी, इसके अलावा ड्रिलिंग में लोहे की छड़ें और अन्य चीजें ने भी रूकावट पैदा की। इसके बाद ऑगर मशीन के ब्लेड फंस गए, जिन्हें निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं, अब पारंपरिक तरीके से हथौड़े और अन्य उपकरणों से ड्रिलिंग की जा रही है। इसी बीच उत्तराखंड में खराब होता मौसम रेस्क्यू के बीच नई पेरशानी खड़ी कर सकता है। मौसम विभाग ने राज्य में अगले 24 घंटे के लिए बारिश और ओलावृष्टि (Rain and Hailstorm) की आशंका जताई है। वैज्ञानिक भी मान रहे हैं कि इससे रेस्क्यू में परेशानी आ सकती है।
मजदूरों के टूटते हुए मनोबल को देखते हुए साइट पर 5 डॉक्टरों की एक टीम तैनात की गई है, वह दो शिफ्ट में सुरंग में फंसे मजदूरों से बात कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक और शाम 5 बजे से 8 बजे तक मजदूर अपने मन का हाल माइक के जरिए डॉक्टरों संग शेयर कर रहे हैं। इसके अलावा मजदूरों के परिवार के सदस्यों को भी उनसे बात करने की अनुमति दे दी गई है। वह जब चाहें उनसे बात कर सकते हैं। प्रशासन ने टनल के पास मजदूरों के परिवार के सदस्यों के रहने के लिए कैंप लगवाए हैं।