अमावस्या के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करना, पितृ तर्पण और पितृ पूजा करना, तथा दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
Vaishakh Amavasya 2025 : अमावस्या के दिन पवित्र गंगा नदी में स्नान करना, पितृ तर्पण और पितृ पूजा करना, तथा दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्यक्रम और धार्मिक अनुष्ठान करना बहुत शुभ होता है। आपको बता दें कि वैशाख का महीना इस साल 13 अप्रैल से शुरू हो गया है। इस मास में पड़ने वाली अमावस्या का विशेष महत्व होता है।
अमावस्या को नो मून डे या न्यू मून डे के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। अमावस्या हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र मास का वह चरण होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है, जिससे वह पृथ्वी से दिखाई नहीं देता।
यह दिन ‘अभाव की शक्ति’ को दर्शाता है। इस दिन चंद्रमा क्षीण अवस्था में होता है, जिसे अशुभ माना जाता है।
इस साल वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को सुबह 4 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और 28 अप्रैल 2025 को सुबह 1 बजे समाप्त होगी।
उदयातिथि पड़ने के कारण अमावस्या 27 अप्रैल को मनाई जाएगी साथ ही, इसी दिन शनि जयंती भी दक्षिण भारत में होगी।
हनुमान चालीसा का पाठ
इस दिन आप हनुमन जी के सामने दीपक जलाएं। इस दिन आप सुंदरकांड या फिर हनुमान चालीसा का पाठ करिए।
पूजन सामग्री का दान
इस दिन आप किसी मंदिर में पूजन सामग्री का दान भी कर सकते हैं।
श्राद्ध
इस दिन पितरों के लिए किए जाने वाले श्राद्ध में चावल से बने पिंड का दान किया जाता है।
सत्तू का दान करें
इस दिन चावल के ही आटे से बने सत्तू का दान करें।
वैशाख अमावस्या के दिन आप पितर तर्पण, पितर पूजा करना और दान पुण्य करना बहुत शुभ होता है।