र महिने में दो एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 अप्रैल को है। इस तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में इस वर्त को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
Varuthini Ekadashi 2022: हर महिने में दो एकादशी होती है। एक कृष्ण पक्ष और एक शुक्ल पक्ष में। वैशाख माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 26 अप्रैल को है। इस तिथि को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सनातन धर्म में इस वर्त को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। कहा जाता है इन दिन भगवान कि पूजा करने पर सारी मनोकामना पूर्ण होती है।
कहा जाता है कि वरुथिनी एकादशी को सबसे कल्याणकारी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्त को रखने से सभी पापों से मुक्ती मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुखों का आगमन होता है। इस दिन नहीं करने चाहिए। तो आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु जी और मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए और यह वर्त पूरे विधी विधान से करना चाहिए।
एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का भी बहुत महत्व माना गया है, इसलिए एकादशी तिथि को दान कर्म अवश्य करें।
एक बात का ध्यान रखें कि एकादशी का पारण द्वादशी समाप्त होने से पहले करना चाहिए। हरिवासर में कभी भी एकादशी व्रत का पारण नहीं करना चाहिए।
एकादशी तिथि को क्रोध न करें और किसी के लिए भी अपशब्दों का प्रयोग न करें।