नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा, उपासना के लिए विधि विधान से माता को आवाहन किया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए विधिवत कलश स्थापना का विधान है।
vastu tip: नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा, उपासना के लिए विधि विधान से माता को आवाहन किया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए विधिवत कलश स्थापना का विधान है। कलश स्थापना को घटस्थापना भी कहते है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, कलश में देवी देवताओं का वास होता है। मान्यता है कि किसी भी पूजा की शुरुआत कलश स्थापना करके होती है। मां की नौ दिनों तक पूजा करने के लिए अखण्ड ज्योति भी जलाने का विधान है। इस साल नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू होकर 11 अप्रैल, 2022 तक चलेगी।
इस बार नवरात्रि घटस्थापना का मुहूर्त 2 अप्रैल 2022 शनिवार को सुबह 6 बजकर 10 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना प्रतिपदा यानी नवरात्रि के पहले दिन देवी शक्ति की पूजा के साथ की जाती है। वास्तु के अनुसार,कलश स्थापना ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व कोण में करें। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह दिशा पूजा-पाठ के लिए सबसे शुभ और उत्तम है, इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
1.चैत्र नवरात्रि शक्ति की उपासना का प्रमुख पर्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विधि विधान से पूजा करने पर मां दुर्गा प्रसन्न होती और उनकी विशेष कृपा मिलती है।
2.नवरात्रि के दिन घर के दरवाजे पर तोरण लगाने और घर पर ध्वजा यानी झंडा लगाने से वास्तु संबंधी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और घर सकारात्मकता से भर जाता है।
3.चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति का विशेष महत्व है। ऐसे में इसे जलाते वक्त वास्तु के नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में अखंड दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है।