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विनायक चतुर्थी 2022: जानें शुभ दिन तिथि, समय, महत्व और व्रत विधि

विनायक चतुर्थी 2022: इस दिन, भक्त भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उपवास रखते हैं और बाधा मुक्त जीवन के लिए पूजा करते हैं।

Vinayak Chaturthi 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह दो चतुर्थी पड़ती है। पहली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी गणेश चतुर्थी कहते हैं, वहीं दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस समय वैशाख माह चल रहा है और इस महीने की कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी 19 अप्रैल को थी। वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी आने वाली है। वैशाख शुक्ल चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश के भक्त उपवास रखते हैं और विधि-विधान से पूजा करते हैं। चतुर्थी तिथि भगवान श्री गणेशजी को समर्पित है। हिंदू धर्म में गणेश जी को सभी संकटों को दूर करने वाला और विघ्नहर्ता माना जाता है। चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि वैशाख माह में विनायक चतुर्थी व्रत कब रखा जायेगा

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इस दिन, भक्त  एक दिन का व्रत रखते हैं और गणेश पूजा करते हैं और शाम को व्रत समाप्त करते हैं। मासिक अनुष्ठान होने के कारण गणेश के शुभ दिन को मासिक विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस बीच, मुख्य विनायक चतुर्थी भाद्रपद महीने के दौरान मनाई जाती है।

विनायक चतुर्थी तिथि और शुभ मुहूर्त:

चतुर्थी तिथि: 4 मई, 2022

चतुर्थी तिथि प्रारंभ – 07:32 पूर्वाह्न, 04 मई

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चतुर्थी तिथि समाप्त – 10:00 पूर्वाह्न, 05 मई

विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा 

कहा जाता है कि भगवान गणेश को सिंदूर बेहद प्रिय है, इसलिए विनायक चतुर्थी के दिन पूजा करते समय गणेश जी को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं और स्वयं भी तिलक लगाएं। साथ ही सिंदूर चढ़ाते समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें
सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥

पूजा विधि 

गणेश जी को मोदक बेहद पसंद है। ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन मोदक या लड्डू का भोग जरूर लगाएं। इसके अलावा विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा लाल फूल, मोदक, दूर्वा, अक्षत्, चंदन, लड्डू, धूप, दीप, गंध आदि से करना चाहिए। जो लोग व्रत रखते हैं, उनको व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। भगवान गणेश को दूर्वा जरुर चढ़ानी चाहिए, क्योंकि उन्हें दूर्वा बहुत अधिक पसंद है। इसके अलावा पूरे दिन फलाहारी व्रत रखकर अगले दिन व्रत का पारण करें। पारण के दिन सुबह पुनः भगवान गणेश जी की विधिवत पूजा करें।

विनायक चतुर्थी 2022: महत्व

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भगवान गणेश हिंदू समुदाय के एक प्रिय भगवान हैं, भक्त इस दिन उपवास करते हैं और बाधा मुक्त जीवन के लिए पूजा करते हैं क्योंकि गणेश को बाधाओं को दूर करने वाला माना जाता है। भगवान गणेश समृद्धि, ज्ञान और अच्छे भाग्य का प्रतीक हैं।

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