आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कोर ग्रुप की बुधवार को एक बैठक हुई जिसमें 10 को फरवरी को प्रथम चरण के चुनाव में 11 जनपदों में 58 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर आरक्षण समर्थकों ने अपनी रणनीति बनाई। बता दें कि 11 जनपदों के लगभग डेढ लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों को उनके रिश्तेदारों को दलित व पिछडे वर्ग की पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के स्टैंड से अवगत कराते हुए उनसे अपील की है कि वह 100 प्रतिशत वोट की चोट से पदोन्नति में आरक्षण की रक्षा करने वाले जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए वोट करें ।
लखनऊ। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कोर ग्रुप की बुधवार को एक बैठक हुई जिसमें 10 को फरवरी को प्रथम चरण के चुनाव में 11 जनपदों में 58 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर आरक्षण समर्थकों ने अपनी रणनीति बनाई। बता दें कि 11 जनपदों के लगभग डेढ लाख आरक्षण समर्थक कार्मिकों को उनके रिश्तेदारों को दलित व पिछडे वर्ग की पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के स्टैंड से अवगत कराते हुए उनसे अपील की है कि वह 100 प्रतिशत वोट की चोट से पदोन्नति में आरक्षण की रक्षा करने वाले जनप्रतिनिधि का चुनाव करने के लिए वोट करें ।
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा ने कहा संघर्ष समिति लगातार सभी राजनीतिक दलों से संपर्क कर यहा मांग उठा रही थी कि पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था प्रदेश में बहाल करने व सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के पदोन्नति संबंधी आदेश को लागू कराने के लिए उनकी पार्टी का क्या स्टैंड है। उसे वह अपने घोषणापत्र में शामिल करें। अब जब भाजपा सपा व कांग्रेस का घोषणा पत्र आ चुका है।
ऐसे में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति कोर ग्रुप अपनी सभी सदस्यों को बताना चाहती है कि सपा व भाजपा ने पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर अपनी चुप्पी साध ली है और अपने घोषणापत्र में कोई स्थान नहीं दिया है। वही बहुजन समाज पार्टी घोषणा पत्र जारी नहीं करती, लेकिन बीएसपी की सुप्रीमो बहन कुमारी मायावती लगातार अपनी रैलियों में पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए उसे लागू कराने की बात कह रही है।
वहीं कांग्रेस पार्टी द्वारा पदोन्नति में आरक्षण को लागू कराने के लिए अपने घोषणा पत्र में शामिल किया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी पर सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि जब वर्ष 2012 में कांग्रेस ने राज्यसभा से पदोन्नति में आरक्षण का 117 वा बिल पारित कराकर लोकसभा में पारित कराने के लिए रखा तो समाजवादी पार्टी के एक सांसद सदस्य ने पदोन्नत का बिल फाड़ कर बवाल खडा कर दिया।
उसके बाद आज तक पदोन्नति में आरक्षण का बिल लोकसभा में लंबित है। यह सभी को पता है कि कांग्रेस पार्टी चाहती तो पदोन्नति में आरक्षण का बिल पारित करा देती, लेकिन ऐसा नहीं किया। आज तक उसके नेता राहुल गांधी व सोनिया गांधी द्वारा कभी भी लोकसभा में पदोन्नत बिल पारित कराने की मांग नहीं उठाई गई, जिससे कांग्रेस की नीति और नियत सभी कार्मिकों के सामने है। सब मिलाकर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने सभी पार्टियों का स्टैंड साफ करते हुए अपने सभी लाखों आरक्षण समर्थक कार्मिकों को 100 प्रतिशत वोट की चोट से अपने अधिकार को सुरक्षित करने की मांग उठाई ।