Parliament Winter Session 2021: तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) के विरोध में चल रहे आंदोलन में करीब 700 किसानों की जान चली गई। किसान नेता आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकसभा में एक सवाल के जवाब पर केंद्र सरकार (central government) की तरफ से कहा गया कि उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में उनको मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
Parliament Winter Session 2021: तीन कृषि कानूनों (three agricultural laws) के विरोध में चल रहे आंदोलन में करीब 700 किसानों की जान चली गई। किसान नेता आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं लेकिन लोकसभा में एक सवाल के जवाब पर केंद्र सरकार (central government) की तरफ से कहा गया कि उनके पास ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में उनको मुआवजा देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
लोकसभा (Lok Sabha) में सरकार से सवाल किया गया था कि मृतक किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता दिए जाने का कोई प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है या नहीं? इस पर केंद्र सरकार की तरफ से लोकसभा में जवाब दिया गया कि कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) के पास किसानों की मौत (death of farmers) का कोई अधिकारिक रिकॉर्ड नहीं उपलब्ध है।
इसलिए उनको मुआवजा दिए जाने या फिर इस संबंध में कोई सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि बीते एक सालों से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे थे।
इस आंदोलन में करीब 700 किसानों की जान चली गयी। किसान नेताओं के साथ ही उनके परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं। विपक्षी दलों के द्वारा ही भी मुआवजा दिए जाने की लगातार मांग उठ रही है। कांग्रेस नेताओं की ओर से इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव भेजकर चर्चा करने को भी कहा गया था।