देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना बेकाबू नजर आ रहा है। बीते 24 घंटों में आए 10 हजार से ज्यादा मामलों ने सरकार के साथ ही आम लोगों को भी चिंता में डाल दिया है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदियों के बाद लॉकडाउन के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना बेकाबू नजर आ रहा है। बीते 24 घंटों में आए 10 हजार से ज्यादा मामलों ने सरकार के साथ ही आम लोगों को भी चिंता में डाल दिया है। यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार की ओर से लगाई गई पाबंदियों के बाद लॉकडाउन के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में कोरोना की खतरनाक लहर चल रही है। इसके बाद भी सरकार लॉकडाउन नहीं लगाना चाहती लेकिन कल मजबूरी में कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। आज जो रिपोर्ट आएगी उसमें 10732 केस 24 घंटे में सामने आए हैं। लोगों से अपील है कि घर से बाहर तभी निकले जब बहुत ज़रूरी हो।
केजरीवाल ने कहा कि मैं लॉकडाउन के पक्ष में नहीं हूं। किसी भी सरकार को लॉकडाउन तब लगाना चाहिए जब अस्पतालों की व्यवस्था ध्वस्त हो जाए। आपका सहयोग चाहिए। अगर दिल्ली में अस्पताल कम पड़ गए तो हो सकता है कि दिल्ली में लॉक डाउन न लगाना पड़ जाए। हमने केंद्र से कई बार कहा जो भी वैक्सीनेशन पर पाबंदियां लगा रखी हैं सब हटा दो। हम दो तीन महीने के अंदर सभी दिल्लीवासियों को वैक्सीन लगा देंगे।
केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ कोरोना फैलने से रोकने की कोशिश की जा रही है। वहीं दूसरी ओर अगर मरीज अस्पताल में जाएं तो उन्हें बेहतर इलाज मिलना चाहिए। नवंबर 2020 में पीक 8500 मामलों की थी, लेकिन अब इसने उस रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है।