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‘जब किसी स्त्री का चीरहरण हुआ उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य को चुकानी पड़ी’, मणिपुर की घटना पर भड़के अशुतोषण राणा

एक्टर आशुतोष राणा ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

Manipur Violence: मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई बर्बरता ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोगों का मन गुस्से से भर गया है और वो जमकर इस घटना का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही आरोपियों को गिरफ्तार कर उन पर कार्रवाई के साथ ही राज्य सरकार पर भी अपना गुस्सा निकाल रहे हैं। बॉलीवुड सितारे भी मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए इस हादसे के बाद आक्रोश में हैं।

पढ़ें :- Manipur Violence : मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, राज्य सरकार से मांगी आगजनी और संपत्तियों के अतिक्रमण की जानकारी

एक्टर आशुतोष राणा (Actor Ashutosh Rana) ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, इतिहास साक्षी है जब भी किसी आतातायी ने स्त्री का हरण किया है या चीरहरण किया है उसकी क़ीमत संपूर्ण मनुष्य ज़ाति को चुकानी पड़ी है। जैसे सत्य, तप, पवित्रता और दान ‘धर्म’ के चार चरण होते हैं वैसे ही ‘लोकतंत्र’ के भी विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका व पत्रकारिता रूपी चार चरण होते हैं। लोकतंत्र के इन चारों स्तंभों को एक दूसरे के साथ लय से लय मिलाकर चलना होगा तभी वे लोक को अमानुषिक कृत्यों के प्रलय के ताप से मुक्त कर पाएंगे।

इसके साथ ही लिखा है कि , अब समय आ गया है जब सभी राजनीतिक दलों और राजनेताओं को, मीडिया हाउसेस व मीडिया कर्मियों को अपने मत-मतान्तरों, एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों को भूलकर राष्ट्र कल्याण, लोक कल्याण के लिए सामूहिक रूप से उद्यम करना होगा क्योंकि ये राष्ट्र सभी का है, सभी दल और दलपति देश और देशवासियों के रक्षण, पोषण, संवर्धन के लिए वचनबद्ध हैं। हमें स्मरण रखना चाहिए- स्त्री का शोषण, उसके ऊपर किया गया अत्याचार, उसका दमन, उसका अपमान.. आधी मानवता पर नहीं बल्कि पूरी मानवता पर एक कलंक की भांति है।

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