नई उमंगें साथ लिए ,नव वर्ष अब आया है। बहुत कठिन था साल पुराना, छायी थी अंधियारी।
कविता – डॉक्टर कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है।
बहुत कठिन था साल पुराना,
छायी थी अंधियारी ।
दुर्भाग्य ने सबको घेर लिया
आई थी लाचारी ।।
डर, चिंता आतंक ने
सबको बहुत सताया है।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है ।।
आतंक रूपी कोरोना से,
सबको आफत आयी।
जाने कितने चले गए,
सब देने लगे दुहाई ।।
कोरोना रूपी दानव ने
आतंक बहुत मचाया है।
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है।।
सब मिलजुल कर एक हुए,
नीति नयी अपनाई।
सबने मुंह में मास्क पहन,
नई दिशा दिखलाई।।
वैक्सीन औऱ होशियारी से
कोरोना को दूर भगाया है।
नई उमंगें साथ लिए,
नव वर्ष अब आया है।।
साथ रहेंगें हम सब मिलकर
गीत खुशी का गाएंगें ।
नया जोश साथ में लेकर,
नव विकास हम लायेंगें ।।
आगें बढ़ते जायेगें हम ,
कोई रोक न पाया है ।
नई उमंगें साथ लिए ,
नव वर्ष अब आया है।।