लोकसभा चुनाव 2024 के करीब आते ही सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लिहाजा, सपा की तरफ से लगातार ‘जातीय जनगणना‘ कराए जाने की मांग की जा रही है।
लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) के करीब आते ही सियासी सरगर्मी बढ़ने लगी है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लिहाजा, सपा की तरफ से लगातार ‘जातीय जनगणना‘ कराए जाने की मांग की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आज प्रेस कॉफ्रेंस के दौरान इस मुद्दे को उठाया है। उन्होंने कहा कि, ‘बिना जातीय जनगणना के सबका विकास, सबका साथ और सबका विश्वास जीतना बहुत मुश्किल है। इसीलिए समाजवादी पार्टी लगातार जातीय जनगणना की ओर अपना काम करती रहेगी।‘
इसके साथ ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि, आप कहते हो 4.2 है हमारा अनइंप्लॉयमेंट रेट, इसका मतलब सबको आपने नौकरी, रोजगार दे दिया। जिस तरह यूनिवर्सिटी, कॉलेज में अपॉइंटमेंट हो रहे हैं, इतने बड़े पैमाने पर आरक्षण से खिलवाड़ किसी सरकार ने नहीं किया होगा। भारतीय जनता पार्टी ने अंग्रेज़ो से सीखा है कि डिवाइड एंड रुल। बाटो और राज करो, ये सिर्फ हिन्दू-मुस्लमान नहीं हिंदुओ को भी आपस में बांट रहे।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि, ये जो हुआ है राहुल गांधी जी के साथ ये उत्तर प्रदेश में सबसे पहले आज़म खान साहब और उनके बेटे के साथ हुआ, उनपर शुरुआती दौर में केस जिन लोगों ने किए थे उसमें कांग्रेस के भी लोग थे।