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संसद में अब नहीं बोल सकेंगे जयचंद, भ्रष्ट, पाखंड, जुमलाजीवी और धड़ियाली आंसू जैसे शब्द, विपक्ष ने साधा निशाना

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है। ऐसे शब्दों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में अब संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सांसद अब चर्चा के दौरान जयचंद, भ्रष्ट, पाखंड, जुमलाजीवी और धड़ियाली आंसू जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में शब्दों के इस्तेमाल को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की गई है। लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों की लिस्ट तैयार की है। ऐसे शब्दों को ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में अब संसद के दोनो सदनों की कार्यवाही में हिस्सा लेने वाले सांसद अब चर्चा के दौरान जयचंद, भ्रष्ट, पाखंड, जुमलाजीवी और धड़ियाली आंसू जैसे शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

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इसके साथ ही बाल बुद्धि, स्नूपगेट, शर्म, दुर्व्यवहार, विश्वासघात, ड्रामा, पाखंड, अक्षम, शकुनि, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिट्ठू जैसे आदि शब्दों का भी दोनों सदनों में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। वहीं, इसको लेकर अब विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। टीएमसी सासंद महुआ मोइत्रा और प्रियंका चतुर्वेदी इसको लेकर सरकार को घेरा है।

महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘बैठ जाएं। बैठ जाइये। प्रेम से बोलें। लोकसभा और राज्यसभा की नई असंसदीय शब्दों की सूची में संघी शब्द शामिल नहीं है। मूल रूप से सरकार ने विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी शब्दों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह काम किया है। कैसे भाजपा भारत को नष्ट कर रही है और उन पर प्रतिबंध लगा रही है।’

इसके साथ ही शिवसेना की राज्यसभा सांसद​ प्रियंका चतुर्वेदी ने इसको लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘यह पुराना मीम याद आ गया। अगर करें तो करें क्या, बोलें तो बोलें क्या? सिर्फ वाह मोदी जी वाह! यह पॉप्युलर मीम अब सच्चाई होती नजर आ रही है।’

 

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