कामकाज में कार्यस्थल पर कर्मचारियों का प्रतिदिन एक जैसा मूड नहीं रहता है। कंपनियां इस बात के समाधान के ओर काम कर रही है।
Workplace ‘Unhappy Leave’: कामकाज में कार्यस्थल पर कर्मचारियों का प्रतिदिन एक जैसा मूड नहीं रहता है। कंपनियां इस बात के समाधान के ओर काम कर रही है। हैपिएस्ट प्लेस टू वर्क की एक हालिया रिपोर्ट से पता चला है कि 70% भारतीय कर्मचारी अपनी नौकरी से असंतुष्ट हैं, जिसके लिए खराब कार्य संस्कृति और विकास के अवसरों की कमी जैसे कारक जिम्मेदार हैं।
वर्कप्लेस पर असंतोष को कम करने के लिए कंपनियां ‘अनहैप्पी लीव की पॉलिसी को बतौर समाधान अपना रही हैं जिसके तहत जब कर्मचारी दुखी या तनावग्रस्त महसूस करें तो उन्हें छुट्टी लेने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, होगन असेसमेंट्स ने कहा कि अमेरिका में यह ट्रेंड कंपनी के कल्चर और कर्मचारियों की जरूरतों के बीच अलगाव के लक्षण हैं।
आज के दौर में जब कर्मचारी की भलाई कार्यस्थल नीतियों का केंद्र बिंदु बन गई है, एक नया चलन जोर पकड़ रहा है: “नाखुश छुट्टी।” यह उभरती अवधारणा कर्मचारियों को भावनात्मक रूप से अस्वस्थ या असंतुष्ट महसूस होने पर छुट्टी लेने की अनुमति देती है, जो मानसिक स्वास्थ्य और वर्कआउट को संबोधित करने के लिए एक लचीला समाधान प्रदान करती है। विचार सरल है – यदि आप खुश नहीं हैं, तो आपको काम करने की ज़रूरत नहीं है।