दुनिया की आबादी (World Population) 15 नवंबर को 8 अरब (8 बिलियन) के आंकड़े को पार कर गई। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट के मुताबिक नए अनुमानों से पता चला है कि 2030 तक वैश्विक आबादी (World Population) करीब 8.5 अरब पहुंच जाएगी।
मुंबई। दुनिया की आबादी (World Population) 15 नवंबर को 8 अरब (8 बिलियन) के आंकड़े को पार कर गई। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट के मुताबिक नए अनुमानों से पता चला है कि 2030 तक वैश्विक आबादी (World Population) करीब 8.5 अरब पहुंच जाएगी। UN ने 2050 तक दुनिया की जनसंख्या 9.7 अरब और 2100 तक 10.4 अरब होने की गणना भी की है। ज्यादातर उन देशों में ही जन्म दर में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है, जहां प्रति व्यक्ति आय बेहद कम है।
UN की इस गणना के मुताबिक 2023 में भारत के नाम एक और उपलब्धि हो जाएगी और चीन को पीछे छोड़ते हुए देश दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। अभी चीन की आबादी 1.44 बिलियन और भारत की आबादी 1.39 बिलियन है। ये दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं। लेकिन, चिंता की बात यह है कि 1950 के बाद पहली बार ऐसा दौर आया है, जब जनसंख्या बढ़ने (Population Growth) की रफ्तार बेहद धीमी हो गई है। 2020 में जनसंख्या बढ़ोत्तरी (Population Growth) की दर 1 प्रतिशत से भी कम रही है। जनसंख्या को लेकर 2022 में सामने आए UN के इस अनुमान के मुताबिक पिछले कुछ दशकों में कई देशों में प्रजनन क्षमता तेजी से गिरी है। विश्व की आबादी (World Population) का दो-तिहाई हिस्सा ऐसे क्षेत्र में रहता है, जहां महिलाओं की प्रजनन दर 2.1 फीसदी से भी कम है।
61 देशों में जनसंख्या वृद्धि दर 1 फीसदी होगी कम
दुनिया की आबादी (World Population) को 7 अरब से बढ़कर 8 अरब होने में 12 साल का वक्त लगा, लेकिन अब 8 अरब से इसे 9 अरब होने में करीब 15 साल का समय लगेगा। इससे पता चलता है कि दुनिया में जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) की दर में कमी आ रही है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मुताबिक 61 देशों या क्षेत्रों की आबादी में 2022 और 2050 के बीच 1 फीसदी की कमी होने का अनुमान है। इसका कारण प्रजनन क्षमता के निरंतर कमी आना और कुछ मामलों में प्रवासी जीवन की मजबूरी को भी बताया जा रहा है।
भारत-चीन का आबादी में अहम योगदान
यूएन की रिपोर्ट (UN Report) के मुताबिक 2022 में दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले 2 क्षेत्र एशिया से हैं। इनमें दक्षिण-पूर्वी एशिया (2.3 अरब) और मध्य-दक्षिणी एशिया क्षेत्र में 2.1 अरब जनसंख्या के साथ शामिल हैं। इन दो क्षेत्रों में भी ज्यादा आबादी का कारण चीन और भारत हैं। दोनों ही देशों की आबादी का अनुमान 1.4 अरब से ज्यादा लगाया गया है। 2050 तक दुनिया की आबादी (World Population) में होने वाली बढ़ोत्तरी 8 देशों पर केंद्रित रहेगी। इसमें भारत, पाकिस्तान, कांगो, मिस्र, इथियोपिया, नाइजीरिया, फिलीपींस और तंजानिया शामिल हैं।
मृत्यु दर में गिरावट भी बढ़ी
जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) आंशिक रूप से तब होती है, जब मृत्यु दर में गिरावट होती है। वैश्विक स्तर पर देखें तो मृत्यु दर में भी गिरावट आई है। 2019 की गणना के मुताबिक दुनिया की एवरेज मृत्युदर 72.8 साल है। 1990 के बाद से इसमें करीब 9 साल की बढ़ोतरी हुई है। यह 2050 तक करीब 77.2 साल पहुंच सकती है। यानी आने वाले समय में मृत्युदर और कम हो जाएगी और इंसान की औसत आयु में बढ़ोतरी होगी।
गरीब देशों में तेजी से बढ़ रही है जनसंख्या
आबादी वैश्विक जनसंख्या (World Population) के आंकड़े देखें तो गरीब देशों में जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) की दर में बढ़ोत्तरी देखी गई है। इसमें ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका के देश हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक वैश्विक तापमान में हो रही बढ़ोत्तरी को रोकने के लिए पेरिस समझौते के उद्देश्यों को पूरा करना जरूरी है। इसमें सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals) के लक्ष्य और उत्पादन के साथ ही खपत में संतुलन बनाना जरूरी है। जनसंख्या वृद्धि (Population Growth) की दर में कमी आने से पर्यावरण को तेजी से पहुंच रहे नुकसान को कम करने में भी सहायता मिल सकती है।