1. हिन्दी समाचार
  2. दुनिया
  3. गाजा से जिंदा बची यजीदी महिला ने सुनायी ISIS आतंकियों की खौफनाक दास्तां; बोली- हमें मासूम बच्चों का मांस खिलाया गया

गाजा से जिंदा बची यजीदी महिला ने सुनायी ISIS आतंकियों की खौफनाक दास्तां; बोली- हमें मासूम बच्चों का मांस खिलाया गया

The horrifying story of Yazidi woman Fauzia Amin Sido: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के बीच गाजा से इजरायली सेना द्वारा रेस्क्यू की गयी एक यजीदी महिला ने आईएसआईएस आतंकियों की क्रूरता की खौफनाक कहानी सुनाई है। पीड़िता ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उसे और बाकी बंधकों को हजारों किलो मीटर तक पैदल चलाया गया। इसके बाद उन्हें तीन भूखा रखा गया और बाद में धोखे से मासूम बच्चों का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। 

By Abhimanyu 
Updated Date

The horrifying story of Yazidi woman Fouzia Amin Sido: इजरायल और हमास के बीच संघर्ष के बीच गाजा से इजरायली सेना द्वारा रेस्क्यू की गयी एक यजीदी महिला ने आईएसआईएस आतंकियों की क्रूरता की खौफनाक कहानी सुनाई है। पीड़िता ने एक इंटरव्यू में बताया कि कैसे उसे और बाकी बंधकों को हजारों किलो मीटर तक पैदल चलाया गया। इसके बाद उन्हें तीन भूखा रखा गया और बाद में धोखे से मासूम बच्चों का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया।

पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा

दरअसल, यजीदी महिला फौजिया अमीन सिदो को दो सप्ताह पहले इजरायली सेना ने गाजा से रेस्क्यू किया था। फौजिया अमीन सिदो ने बताया कि उन्हें और उनके भाईयों को ISIS के लड़ाकों ने कैद कर लिया गया था। उस वक्त उनकी उम्र नौ साल थी। आईएसआईएस के लड़ाकों के कैद में बिताए दिनों को याद करते हुए सिदो ने यरुशलम पोस्ट को दिए  इंटरव्यू में कहा कि आईएसआईएस आतंकियों द्वारा बंधक बनाए जाने के कुछ दिनों बाद उन्हें और हजारों की संख्या में अन्य बंधकों को सिंजर से ताल अफार तक के बीच पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया।

यजीदी महिला के अनुसार तीन दिन तक लगातार भूखा रखने के बाद आतंकियों ने उन्हें मांस और चावल खाने को दिया, लेकिन सभी को मांस का स्वाद अजीब सा लगा। तीन दिन से भूखे होने के कारण सभी ने वह चावल और मांस खा लिया। जब उन्होंने चावल और मांस खा लिया, तो कुछ लोगों के पेट में दर्द होना शुरू हो गया। तब आईएसआईएस के लोगों उन्हें बताया कि उन्हें खाने के लिए जो मांस दिया था, वह यजीदी बच्चों का था। यकीन दिलाने के लिए आतंकियों ने सर कटे हुए मासूम बच्चों की तस्वीरें भी दिखाईं और कहा कि यह वही बच्चे हैं जिन्हें उन लोगों ने अभी खाया है।

इससे पहले 2017 में यजीदी सांसद वियान दाखिल ने भी आतंकी संगठन द्वारा धार्मिक रूप से अल्पसंख्यक बंधकों को इंसानी मांस खिलाने की प्रथा सामने लाया था। सिदो ने बताया कि जब बंधकों को आतंकी समूह द्वारा मानव मांस खिलाए जाने की बात पता चली तो कई लोगों को इतना बड़ा सदमा लगा कि उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई। उन्होंने आगे बताया कि उन्हें 200 अन्य यजीदी लड़कियों के साथ एक तहखाने वाली जेल में कई महीनों तक रखा गया। जहां पर कई लड़कियों की मौत तो गंदा खाना खाने और पानी पीने से ही हो गई।

गाजा से जिंदा लौटी सिदो ने बताया कि उन्हें अंडर ग्राउंड जेल से बाहर निकालने के बाद 5 बार बेचा गया। उनमें से एक लड़ाके अबू अमर अल-मकदिसी के साथ उनके दो बच्चे भी हुए। सालों तक कैद में रहने के बाद कुछ दिनों पहले इजरायली सेना के नेतृत्व में सैन्य अभियान में उन्हें गाजा से बचाया गया। जिसके बाद वह अब जाकर अपने परिवार के पास इराक लौट पायी हैं। हालांकि, उनके बच्चे अभी भी बंधक के पास गाजा में ही है, जहां उनका पालन-पोषण अरब मुसलमानों के रूप में किया जा रहा है।

पढ़ें :- Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती

पीड़िता ने बताया कि वह जब तक आईएसआईएस लड़कों की कैद में रही तब तक ‘सबाया’ ही रही। सबाया एक अरबी भाषा का शब्द है, जिसका मतलब यौन शोषण के लिए बंधक बना कर रखी गई महिला से है। सिदो ने कहा कि गाजा में भी उनकी हालत में कोई ज्यादा सुधार नहीं था। जब वह अपने घर इराक पहुंची तब एक इंसान के रूप में खुल के सांस ले सकी।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...