HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. जीवन मंत्रा
  3. नाभि विस्थापन के लिए योग: नाभि विस्थापन को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के 6 आसन

नाभि विस्थापन के लिए योग: नाभि विस्थापन को प्राकृतिक रूप से ठीक करने के 6 आसन

नाभि विस्थापन के लिए योग: नाभि विस्थापन से पीड़ित लोगों को पेट में अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है, जो दवा से ठीक नहीं होता है।

By प्रीति कुमारी 
Updated Date

योग और आयुर्वेद के अनुसार नाभि को शरीर का केंद्र माना जाता है। अगर यह विस्थापित हो जाता है तो कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है। नाभि के खिसकने के पीछे का कारण भारी सामान उठाना, तेज दौड़ना, अचानक झुकना, भूख न लगना आदि हो सकता है। इसलिए नाभि चक्र का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

पढ़ें :- डेली क्यों खाना चाहिए दालें, खाने से शरीर को होते हैं कई गजब के फायदे

जो लोग नाभि विस्थापन से पीड़ित होते हैं उन्हें पेट में अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है, जो दवा से ठीक नहीं होता है। सबसे पहले ऐसे लोगों को डॉक्टर के पास जाने और जरूरी टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। दूसरे, उन्हें कुछ योग आसनों को दिनचर्या में शामिल करना चाहिए जो नाभि विस्थापन को रोकेंगे। नीचे एक नज़र डालें:

1. उत्तानपादासन:

– दोनों पैरों को आपस में मिला लें और धीरे-धीरे उन्हें 30 डिग्री तक उठाने की कोशिश करें, कुछ सेकेंड के बाद सांस छोड़ें और वापस उसी स्थिति में आ जाएं। (इसे तीन बार दोहराएं।)

– इसके बाद पैरों को 60 डिग्री तक उठाएं और कुछ सेकेंड के बाद वापस पोजीशन में आ जाएं। (इसे तीन बार दोहराएं।)

पढ़ें :- Pumpkin Seeds: काटने के बाद फेंक देते हैं इस सब्जी के बीज तो जान लें इसे खाने से होने वाले फायदे

2. अर्ध हलासन

– पैरों को ऊपर की ओर उठाएं।

– आपके पैरों के पंजों को आंखों से मिलाना चाहिए। इसके बाद पैरों को कम से कम 3 से 5 बार ऊपर-नीचे करें।

पढ़ें :- Diabetes Control Ayurvedic Herbs : इन जड़ी-बूटियों की मदद से डायबिटीज को किया जा सकता है नियंत्रित ,अपनाएं सरल घरेलू उपचार

3. अर्ध पवनमुक्तासन:

अपने बाएं पैर को छाती की ओर लाएं और फिर दोनों हाथों से पकड़ लें ताकि आप अपने सिर और घुटनों को छू सकें। इस अभ्यास को दाहिने पैर से दोहराएं। (ऐसा कम से कम 3 या 5 बार करें।)

4. मरकासन

पीठ के बल लेट जाएं और घुटनों को मोड़ लें। अब दोनों पैरों को एक साथ दायीं ओर ले जाएं ताकि आप चटाई को छू सकें। इस स्थिति में सिर विपरीत दिशा में होगा।

5. सेतुबंधासन

– योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने पैरों को ऊपर की ओर मोड़ लें

पढ़ें :- Sweet Bitter Gourd: हार्ट प्रॉब्लम्स से लेकर कैंसर, चर्म रोग, आंखों के रोग तथा लिवर की समस्याओं में फायदेमंद होती है सब्जी

– अब सांस भरते हुए अपने हिप्स को ऊपर की तरफ उठाने की कोशिश करें और कुछ सेकेंड तक इसी पोजीशन में रहें।

– कुछ सेकेंड के बाद सांस छोड़ते हुए अपने कूल्हों को नीचे लाएं।

– इस आसन को कम से कम 5 बार करें।

6. सुप्त व्रजासन:

– व्रजासन में बैठ जाएं।

– अपने पैरों को खोलें और अपने कूल्हों को चटाई पर टिकाएं।

पढ़ें :- Sawan Diet Plan : सावन में नहीं खाना चाहिए दही , कच्चा दूध पीने से बचना चाहिए

– अब धीरे-धीरे हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और कोहनियों को जमीन पर टिका दें।

– 5-10 सेकेंड तक रुकें और धीरे-धीरे लेट जाएं।

– जितनी देर आप चाहें, इस पोजीशन में रहें।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...