सूर्य देव 16 जुलाई की सायं 4 बजकर 51 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वे अब तक मिथुन राशि में यात्रा कर रहे थे। इस दिन आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है।
नई दिल्ली: सूर्य देव 16 जुलाई की सायं 4 बजकर 51 मिनट पर कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। वे अब तक मिथुन राशि में यात्रा कर रहे थे। इस दिन आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा। चंद्रमा कन्या राशि में विराजमान रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य देव कर्क राशि में 16 अगस्त तक बने रहेंगे।इसके बाद वे फिर सिंह राशि में प्रवेश करेंगे।
सूर्य जब कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे कर्क संक्रांति कहते हैं। कर्क संक्रांति का धार्मिक और ज्योतिष महत्व शास्त्रों में बताए गए है। कर्क संक्रांति से उत्तरायण काल का अंत माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, यह स्थिति मकर संक्रांति तक रहती है। सूर्य देव इस दिन से दक्षिणायन होते हैं। इसके बाद सूर्य का उत्तरायण प्रारंभ होता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। दक्षिणायन को देवताओं की रात्रि कहा जाता है। दक्षिणायन काल में सभी देवी-देवता योग निद्रा में होते हैं। दक्षिणायन से ही चातुर्मास का भी आरंभ माना जाता है।
सूर्य को जगत का आत्मा माना जाता है। सूर्य के बिना पृथ्वी पर जीवन अकल्पनीय है। किसी भी जातक की जन्म कुंडली में सूर्य देव राजसत्ता का पूर्ण सुख प्रदान करते हैं। ऐसे व्यक्ति धनी और यशस्वी होते हैं। वे जहां भी जाते हैं, अपने आकर्षक व्यक्तित्व की छाप छोड़ देते हैं और जन-मानस को अपनी तरफ मोड़ लेते हैं। सूर्य देव को प्रसन्न रखने के लिए जातकों को सूर्य की पूजा करना चाहिए।
आदित्य स्तोत्र का पाठ और सूर्य मंत्र का जाप करने से भी सूर्य देव की कृपा मिलती है।