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देश के हर नागरिक पर 1.40 लाख कर्ज: भारत पर हुआ 205 लाख करोड़ रुपये का कर्ज, IMF ने किया अलर्ट

देश कर्ज की बोझ में दबता चला जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने इसको लेकर अलर्ट भी जारी किया है। IMF ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा कि इतने कर्ज से भारत को लॉन्गटर्म रिस्क ज्यादा है। देश पर कुल कर्ज 205 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। इससे पहले मार्च 2023 में देश पर कुल कर्ज 200 लाख करोड़ रुपये था।

By टीम पर्दाफाश 
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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से अर्थव्यवस्था को लेकर तमाम दावे किए जा रहे हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF के अलर्ट के बाद दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअलस, IMF ने देश पर बढ़ते कर्ज को लेकर अलर्ट किया है। IMF की रिपोर्ट की माने तो देश पर मौजूदा समय 205 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज हो गया है। इससे पहले मार्च 2023 में देश पर कुल कर्ज 200 लाख करोड़ रुपये था। बीते छह महीने में ही पांच लाख करोड़ रुपये का कर्ज देश पर बढ़ गया। वहीं, ऐसी स्थिति में देखा जाए तो भारत की कुल आबादी 142 करोड़ मान लें तो आज के समय में हर भारतीय नागरिक पर 1.40 लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज है।

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IMF ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार इसी रफ्तार से उधार लेती रही, तो देश पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 100% कर्ज हो सकता है। यानी देश का जितना जीडीपी नहीं है उससे ज्यादा कर्ज हो जाएगा। ऐसा हुआ तो कर्ज चुकाना मुश्किल हो जाएगा। IMF के अलर्ट के बाद भारत सरकार की तरफ से इस मामले पर बयान आया है। भारत सरकार ने कहा कि, ज्यादातर कर्ज भारतीय रुपये में है। लिहाजा, कोई समस्या नहीं है। सरकार ने कहा कि हमने अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन किया है। अभी भी हम 2002 के कर्ज लेवल से नीचे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत इसको लेकर कहा कि, IMF ने चेतावनी देते हुए कहा भारत की GDP से ज़्यादा होने वाला है देश का कुल क़र्ज़! उन्होंने कहा कि, देश पर 2024 में ₹54 लाख करोड़ कर्ज था। वहीं, 2023 में ₹205 लाख करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है। आजादी के बाद 67 साल में 14 प्रधानमंत्रियों ने कुल ₹55 लाख करोड़ का कर्ज़ा लिया, PM मोदी ने अकेले ही ₹150 लाख करोड़ का कर्ज़ लाद दिया।

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