दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजधानी की सड़कों पर एक नया पोस्टर लगाया है। इसमें वह सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर निशाना साधते दिख रहे हैं। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने जो पोस्टर लगाया है उसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के बारे में सवाल पूछा है।
नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) ने राजधानी की सड़कों पर एक नया पोस्टर लगाया है। इसमें वह सीधे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर निशाना साधते दिख रहे हैं। इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) ने जो पोस्टर लगाया है उसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के बारे में सवाल पूछा है।
इन पोस्टरों पर लिखा है, ‘क्या भारत के पीएम पढ़े लिखे होने चाहिए’? आज सुबह ही लगे इन पोस्टरों पर जब दिल्ली पुलिस की नजर पड़ी तो उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी। सुबह करीब 10 बजे आम आदमी पार्टी (AAP) के दफ्तर पास दिल्ली पुलिस के लोग पोस्टर्स की फोटो लेते देखे गए। वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग पोस्टरों को फाड़ने दिखाई दिए।
बीते कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के पोस्टर भी लगे थे जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने 100 से ज्यादा एफआईआर (FIR) की थी और छह लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
मोदी जी उनकी पार्टी और उनका दरोग़ा सब मानते हैं।
भारत का प्रधानमंत्री “अनपढ़ होना चाहिए” pic.twitter.com/bM1j0oxdbq— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) March 30, 2023
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आप ने आज देशभर में अपना पोस्टर अभियान चला रही है जिसके तहत वो 11 भाषाओं में ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के पोस्टर लगा रही है। इसका एलान पार्टी ने बीते मंगलवार को किया था।
आम आदमी पार्टी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ 11 भाषाओं में पोस्टर जारी किए हैं। पोस्टर हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, पंजाबी, मलयालम, उड़िया, कन्नड़, बांग्ला, गुजराती, उर्दू और तेलुगु भाषाओं में तैयार कराए गए हैं। आम आदमी पार्टी 30 मार्च को पूरे देश में ये पोस्टर लगा रही है। आप के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने मंगलवार को बताया था कि देश में भाजपा की अघोषित तानाशाही लागू हो चुकी है। वह लोकतंत्र खत्म करने में लगी हुई है। भाजपा चुनाव आयोग व सीबीआई-ईडी को अपने इशारे पर चलने पर मजबूर कर रही है।
उनका काम केवल विपक्ष के नेताओं के ऊपर फर्जी मुकदमे चलाकर जेल के अंदर बंद करने तक सीमित रह गया है। इसके अलावा न्यायपालिका को भी कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है, वहीं वह राज्य सरकारों को स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने दे रही है, लेकिन अब देश और विपक्ष के नेता किसी भी तरह के षड्यंत्र व फर्जी एफआईआर से डरने वाले नहीं है।