फगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद वहां खौफ का माहौल है।अफगानिस्तान ( Afghanistan) से देश छोड़ कर बाहर जाने के लिए काबुल हवाई अडडे (Kabul Airport) पर कई हजार की भीड़ जमा है। अफरा तफरी के इस माहौल में वहां हर पल कुछ नया घटित हो रहा है।
Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद वहां खौफ का माहौल है।अफगानिस्तान ( Afghanistan) से देश छोड़ कर बाहर जाने के लिए काबुल हवाई अडडे (Kabul Airport) पर कई हजार की भीड़ जमा है। अफरा तफरी के इस माहौल में वहां हर पल कुछ नया घटित हो रहा है। काबुल हवाई अडडे की हालत चिंताजनक बनी हुई है। नॉर्वे की विदेश मंत्री इने एरिक्सन सोरेइड(Norway’s Foreign Minister Inne Eriksson Soreid) का कहना है कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने की समय सीमा 31 अगस्त से आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
खबरों के अनुसार,अमेरिका, ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी और कतर ने अपने भारतीय नागरिकों (Indian Nationals) को अफगानिस्तान (Afghanistan Crisis) से निकालने पर सहमति जताई है। ये भारतीय नागरिक इन 6 देशों के लिए अफगानिस्तान में काम कर रहे थे। बाद में भारत सरकार इन नागरिकों को वापस स्वदेश लाएगी। माना जा रहा है कि इससे रेसक्यू में आसानी होगी। बता दें कि सोमवार को अफगानिस्तान से 146 भारतीय नागरिकों को काबुल से दोहा ले जाया गया, जबकि 78 अन्य नागरिकों को काबुल से एयरफोर्स के C-130 विमान के जरिए निकाला गया।
हालांकि काबुल एयरपोर्ट पर फायरिंग की घटना के बाद कोई अन्य विमान उड़ान नहीं भर सका। फायरिंग की इस घटना में पश्चिमी देशों की सेनाओं के लिए काम कर रहा, एक अफगानी सुरक्षा गार्ड मारा गया, जिसकी वजह से एयरपोर्ट पर भगदड़ मच गई। वहीं मंगलवार को भी काबुल से एक फ्लाइट ने उड़ान भरी और कई सारे हिंदू और सिख लोगों को भारत लेकर आई। खबरों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ फोन पर अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने बातचीत में अफगानिस्तान में शांति और सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा की और काबुल में फंसे लोगों को निकालने को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई।