पश्चिम बंगाल (West Bengal) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) राज्य इकाई पेंच कसने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने खुद कमान संभाली है। इसके तहत वह आगामी चार मई को पश्चिम बंगाल दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) राज्य इकाई की कलह खुलकर सामने आ गई है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) राज्य इकाई पेंच कसने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने खुद कमान संभाली है। इसके तहत वह आगामी चार मई को पश्चिम बंगाल (West Bengal) दौरे पर जा रहे हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) राज्य इकाई की कलह खुलकर सामने आ गई है। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे से पहले उत्तर 24 परगना जिले (North 24 Parganas District) के बारासात के कम से कम 15 भाजपा नेताओं ने पार्टी से सामूहिक इस्तीफा (Mass Resignation) देकर नेतृत्व के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।
हालांकि इन सामूहिक इस्तीफों पर बारासात जिलाध्यक्ष तापस मित्रा (Barasat District President Tapas Mitra) ने इस पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता इन लोगों ने इस्तीफा क्यों दिया है? सभी इस्तीफे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार (BJP state president Sukanta Majumdar) को भेज दिए गए हैं। हालांकि, मजूमदार ने भी इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
इस्तीफा देने वालों में राज्य समिति के सदस्य, मंडल के पूर्व अध्यक्ष और जिला समिति के सदस्य तक शामिल हैं। इस्तीफा देने से पहले सभी ने जिलाध्यक्ष तापस मित्रा (District President Tapas Mitra) के खिलाफ नगर निगम चुनाव (Municipal Elections) में टिकट के बदले पैसे लेने का आरोप लगाया। इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि, जिला इकाई ने नगर निगम चुनाव (Municipal Elections) में अपने चहेतों को टिकट दिए।
विधानसभा चुनाव के बाद से जारी है इस्तीफों का दौर
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में 2021 में विधानसभा चुनावों में टीएमसी (TMC) की प्रचंड जीत के बाद से भाजपा में इस्तीफों का दौर जारी है। एक के बाद एक कई नेता भाजपा (BJP) से इस्तीफा दे चुके हैं। इसमें कई बड़े नाम भी शामिल हैं। पिछले कई महीनों में राज्य में भाजपा (BJP) के कुल विधायकों की संख्या 77 से घटकर 70 हो गई है। वहीं नगर निगम चुनावों (Municipal Elections) के बाद से पार्टी में आंतरिक कलह सामने आई है। पार्टी के कई कार्यकर्ता राज्य नेतृत्व से खुश नहीं हैं।