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AIMPLB News : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष की दौड़ में रहमानी व मदनी शामिल

मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष के लिये बोर्ड के मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के नाम पर मुहर लग सकती है। हालांकि, बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Board Vice President Maulana Arshad Madani) और मौलाना फजलुर्रहीम मुजददीदी (Maulana Fazlur Rahim Mujaddidi) भी अध्यक्ष की दौड़ में हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाय के सबसे बड़े संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अध्यक्ष के लिये बोर्ड के मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी के नाम पर मुहर लग सकती है। हालांकि, बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी (Board Vice President Maulana Arshad Madani) और मौलाना फजलुर्रहीम मुजददीदी (Maulana Fazlur Rahim Mujaddidi) भी अध्यक्ष की दौड़ में हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (Muslim Personal Law Board) के अध्यक्ष इंदौर में तीन और चार जून को होने वाले दो दिवसीय इजलास तय किया जाएगा।

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मुस्लिम समुदाय के तमाम मसलकों का संयुक्त संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिये सबसे बड़े दावेदार बोर्ड के मौजूदा महासचिव मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी माने जा रहे हैं। बोर्ड के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष और बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी के अलावा राजस्थान के मौलाना फजलुर्रहीम मुजददिदी (Maulana Fazlur Rahim Mujaddidi) भी अध्यक्ष बनने की रेस में शामिल हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष का पद मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी (Maulana Syed Rabe Hasni Nadvi) के देहांत के बाद बीती 13 अप्रैल से खाली चल रहा है।

इस्लामिक कानून के बड़े जानकार है मौलाना रहमानी
बोर्ड के मौजूदा महासचिव हैदराबाद के मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी (Maulana Khalid Saifullah Rahmani) इस्लामिक कानून के मामले में पूरे एशिया में बड़ी शख्सियत माने जाते हैं। हैदराबाद में उनकी इस्लामिक फिक्ह एकेडमी संचालित होती है, जो लोगों की शरीयत की रोशनी में रहनुमाई करती है। इसके अलावा वो स्व. मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी (Maulana Syed Rabe Hasni Nadvi)  के काफी करीबी माने जाते हैं। उनका सबसे मजबूत पक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी की तर्ज पर मुस्लिम समुदाय के मसलकी विवादों और सियासत से दूरी बनाये रखना है।

वरिष्ठ उलमा हैं मौलाना मदनी
जमीयत उलमाए हिन्द (Jamiat Ulamae Hind) के अध्यक्ष एवं बोर्ड के उपाध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी की गिनती काफी वरिष्ठ उलमा में की जाती है। बोर्ड के सदस्यों में उनकी काफी अहमियत होने के साथ ही मुस्लिम समुदाय की समस्याओं को लेकर वो काफी मुखर भी रहते हैं। हालांकि उनका दायरा मुसलमानों के एक तबके की नुमाइंदगी तक ही माना जाता है। सूत्रों के मुताबिक सियासत से करीबी उनका कमजोर पक्ष हो सकता है।

तालीम में मौलाना मुजददिदी का रोल है अहम
राजस्थान के जयपुर के मौलाना फजलुर्रहीम मुजददिद (Maulana Fazlur Rahim Mujaddidi)  का दीनी तालीम और आधुनिक शिक्षा के मैदान में खिदमात के लिये जाने जाते हैं। दिल्ली से लेकर जयपुर तक वो कई शिक्षण संस्थानों को संचालित करते हैं। यहां पर दीनी शिक्षा के साथ ही आधुनिक शिक्षा भी दी जाती है। सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में मौलाना सिविल सेवा की तैयारी के लिये सेंटर संचालित करते हैं, यहां पर गरीब मुस्लिम परिवार के बच्चों को निशुल्क तैयारी करवाने के साथ ही वहां ठहराने की व्यवस्था भी रहती है।

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बोर्ड में ये हैं सदस्य
कार्यकारिणी सदस्य- 51
संस्थापक सदस्य- 100
तीन साल की समयावधि के सदस्य- 100
इनमें शामिल महिला सदस्य-30
कुल 251

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