1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा को बड़ी राहत, मुरादाबाद पार्टी दफ्तर खाली कराने का आदेश रद्द, प्रशासन ने थमाया था नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट से सपा को बड़ी राहत, मुरादाबाद पार्टी दफ्तर खाली कराने का आदेश रद्द, प्रशासन ने थमाया था नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मुरादाबाद में सपा के जिला कार्यालय को खाली कराने के प्रशासनिक आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत मिली है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

मुरादाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी ( Samajwadi Party) को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने मुरादाबाद में सपा के जिला कार्यालय को खाली कराने के प्रशासनिक आदेश को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं को राहत मिली है। बता दें कि मुरादाबाद स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय (Samajwadi Party office) का आवंटन प्रशासन ने 16 सितंबर को निरस्त कर दिया था।

पढ़ें :- Cough Syrup Case: अखिलेश, बोले-बिना किसी दबाव के असली गुनाहगारों को पकड़िए, प्रधान-नगरी वाराणसी का ये हाल तो बाक़ी सब समझ सकते हैं?

मुरादाबाद जिला प्रशासन (Moradabad District Administration) के तरफ से जारी नोटिस में कहा गया था कि यह भवन नजूल की भूमि पर बना है, जो नगर निगम के प्रबंध क्षेत्र में आती है। आदेश में उल्लेख था कि नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद नगर निगम की टीम भवन पर कब्जा लेगी। इससे पहले 30 जुलाई को भी प्रशासन ने सपा जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी कर कार्यालय खाली करने को कहा था। इसके जवाब में सपा जिलाध्यक्ष ने प्रशासन को बताया था कि कार्यालय का किराया नियमित रूप से जमा किया जाता रहा है और पार्टी का कब्जा पूरी तरह वैध है।

प्रशासन ने अपने आदेश में शासनादेश का हवाला देते हुए कहा था कि किसी भी भवन का आवंटन अधिकतम 15 वर्ष तक ही वैध रह सकता है, जबकि सपा कार्यालय को तीन दशक से अधिक समय बीत चुका है। इसी आधार पर आवंटन रद्द करने का निर्णय लिया गया था।

सपा ने इस नोटिस को भेदभावपूर्ण और अनुचित बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। पार्टी का कहना था कि उन्होंने कभी भी किराए या नियमों का उल्लंघन नहीं किया। सभी बकाया नियमित रूप से जमा किए गए हैं, बावजूद इसके केवल राजनीतिक कारणों से कार्रवाई की जा रही है। मामले की सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन का आदेश रद्द करते हुए सपा को राहत दी। कोर्ट ने माना कि नोटिस की प्रक्रिया में आवश्यक तथ्यों पर पर्याप्त विचार नहीं किया गया था।

सपा का दावा ‘लीगल अलॉटमेंट’

पढ़ें :- Kanpur Hallet Hospital : जूनियर डॉक्टर समेत दो स्वास्थ्यकर्मियों पर गिरी गाज, शासन ने तीन दिन में मांगी विस्तृत जांच रिपोर्ट

कोठी नंबर-4 नजूल भूमि पर स्थित है, यानी कानूनी रूप से इसका मालिकाना हक राज्य सरकार का है। राजस्व अभिलेखों में यह संपत्ति सरकारी भूमि के रूप में दर्ज है। हालांकि, नगर निगम इसकी देखरेख करता है। सपा की दलील है कि 1990 के दशक में यह कोठी मुलायम सिंह यादव के नाम पर नियमपूर्वक आवंटित की गई थी, और तब से पार्टी यहां से वैध रूप से संगठनात्मक कामकाज करती आ रही है।

कोठी लगभग 953.71 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैली है। इसमें चार कमरे, एक बड़ा लान, पार्किंग और ओपन स्पेस है। कोठी के बाहर लगे सपा कार्यालय के बोर्ड और झंडे यह बताते हैं कि यह सिर्फ एक आवास नहीं बल्कि संगठन का पहचान-स्थल बन चुका है।

सपा कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर

हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुरादाबाद सपा कार्यालय में मंगलवार शाम जश्न का माहौल देखा गया। स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कहा कि यह न्याय की जीत है और प्रशासन की जल्दबाजी पर कोर्ट की सख्ती से सच्चाई सामने आई है। सपा जिलाध्यक्ष जयवीर यादव ने कहा कि पार्टी इस फैसले का स्वागत करती है और कोठी नंबर-4 मुरादाबाद की राजनीतिक विरासत का हिस्सा बनी रहेगी।

पढ़ें :- एक साल में एक करोड़ ‘लखपति दीदी’ तैयार करने का लक्ष्य, गांव-गांव पहुंचेगा स्वावलंबन अभियान : सीएम योगी
इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...