लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की एक और सूची जारी कर दी गई है। सूची में महााष्ट्र की एक लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार का एलान किया गया है। भाजपा की ओर से जारी सूची के मुताबिक, इस बार रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट (Ratnagiri-Sindhudurg Seat) से नारायण राणे (Narayan Rane) चुनावी मैदान में होंगे।
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की एक और सूची जारी कर दी गई है। सूची में महााष्ट्र की एक लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार का एलान किया गया है। भाजपा की ओर से जारी सूची के मुताबिक, इस बार रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट (Ratnagiri-Sindhudurg Seat) से नारायण राणे (Narayan Rane) चुनावी मैदान में होंगे।
रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग सीट (Ratnagiri-Sindhudurg Seat) पर केंद्रीय मंत्री राणे का मुकाबला विनायक राऊत से होगा। विनायक इस सीट से मौजूदा सांसद हैं। उन्हें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) एक फिर से चुनावी मैदान में उतारा है। भाजपा अब तक इस सीट से चुनाव नहीं लड़ती थी। राणे के बेटे नीलेश राणे इस सीट से 2009 में कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आए थे।
नारायण राणे का सियासी सफर
नारायण राणे (Narayan Rane) ने 2005 में शिवसेना से बगावत की थी। हालांकि, राणे ने शिवसेना के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। साल 1968 में केवल 16 साल की उम्र में ही नारायण राणे (Narayan Rane) युवाओं को शिवसेना से जोड़ने में जुट गए। शिवसेना में शामिल होने के बाद नारायण राणे (Narayan Rane) की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती चली गई। युवाओं के बीच नारायण राणे (Narayan Rane) की ख्याति को देखकर शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे भी प्रभावित हुए। उनकी संगठन की क्षमता ने उन्हें जल्द ही चेंबूर में शिवसेना का शाखा प्रमुख बना दिया।