आषाढ़ मास व्रत और त्यौहार का विशेष महत्व है। इस माह के दौरान हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं।आषाढ़ माह के प्रदोष व्रत की बड़ी महिमा है।
Ashadh month first Pradosh 2024 : आषाढ़ मास व्रत और त्यौहार का विशेष महत्व है। इस माह के दौरान हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं।आषाढ़ माह के प्रदोष व्रत की बड़ी महिमा है। इस माह इस उपवास को करने का विशेष फल मिलता है। आषाढ़ मास की शुरुआत 23 जून 2024, रविवार से होगी और इसका समापन 21 जुलाई 2024, रविवार को होगा।आइए जानते हैं आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत कब पड़ रहा है।
आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर होगी। वहीं, समापन 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। उदया तिथि पड़ने के कारण प्रदोष व्रत 03 जुलाई को रखा जाएगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
आषाढ़ माह के प्रदोष तिथि पर भगवान भोलेनाथ की पूजा में साफ वस्त्र धारण करके सूर्य को जल चढ़ाना पुनीत माना जाता है। इस दिन मंदिर में चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर शिव और मां पार्वती की मूर्ति को रखकर उपवास का संकल्प लेने से मनोकामना पूर्ण होती है।
भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा में शिवलिंग पर शहद, घी , कनेर फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित कर गंगाजल से अभिषेक करने पर भोलेनाथ कृपा करतें है। पूजा के उपरान्त भगवान शिव को फल और मिठाई का भोग लगाएं और प्रसाद का वितरण करें।