शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) के उत्तराधिकारियों की घोषणा कर दी गयी है। ज्योतिष पीठ (Astrology Peeth) के नए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (New Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) होंगे, जबकि शारदा पीठ के नए शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती (New Shankaracharya of Sharda Peeth Swami Sadanand Saraswati) बनाए गए हैं।
नरसिंहपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) के उत्तराधिकारियों की घोषणा कर दी गयी है। ज्योतिष पीठ (Astrology Peeth) के नए शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (New Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) होंगे, जबकि शारदा पीठ के नए शंकराचार्य स्वामी सदानन्द सरस्वती (New Shankaracharya of Sharda Peeth Swami Sadanand Saraswati) बनाए गए हैं। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती (Brahmalin Shankaracharya Swaroopanand Saraswati) के निजी सचिव सुबोद्धानंद महाराज (Private Secretary Subodhanand Maharaj) ने ये घोषणा की है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati) का 99 साल की उम्र में रविवार को निधन हो गया था।
शंकराचार्य बनाए जाने की घोषणा के बाद ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद (New Shankaracharya Swami Avimukteshwarananda) ने कहा स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) जैसी विभूति कोई दूसरी नहीं हो सकती। अपने जीवनकाल में ही उन्होंने अपना उत्तराधिकारी बनाकर कर्तव्य निभाया। उन्होंने अपना हर कर्तव्य पूरी जिम्मेदारी से निभाया। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ( Swami Avimukteshwarananda)ने कहा स्वामीजी को श्रद्धांजलि देने परमहंसी आश्रम (Paramhansi Ashram) में देश के सभी मठों से प्रतिनिधि आ रहे हैं।
आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर ले जाने का प्रयास
शारदा पीठ के नए शंकराचार्य सदानन्द सरस्वती (New Shankaracharya of Sharda Peeth Swami Sadanand Saraswati) इस मौके पर भावुक हो गए। मीडिया से बातचीत करते हुए उनके आंसू छलक आए। उन्होंने कहा स्वामी स्वरूपानंद की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता। प्रभु सबको ये दुख सहने की शक्ति दे। सदानंद ने कहा देश को आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर ले जाने का प्रयास जारी रहेगा।
झोतेश्वर में आज नहीं जले चूल्हे
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) के निधन से पूरे झोतेश्वर में महा शोक है। आज किसी भी घर में चूल्हे नहीं जले। किसी घर में खाना नहीं बना। शंकराचार्य के निधन से ग्रामीण जनता बेहद गमगीन है । सभी के लिए पितातुल्य थे जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती । लोगों का कहना है उन्हीं की दी हुई छाया और उन्हीं की पनाह और मदद से हम जीवन यापन कर रहे थे।