आजकल की व्यस्त दिनचर्या में मोटे अनाजों की श्रृंखला को हम सब भूलते जा रहे है। हमारी थाली में मौसम के हिसाब से व्यंजनों का जायका दूर होता जा रहा है।
Bajra Roti: आजकल की व्यस्त दिनचर्या में मोटे अनाजों की श्रृंखला को हम सब भूलते जा रहे है। हमारी थाली में मौसम के हिसाब से व्यंजनों का जायका दूर होता जा रहा है। डाइनिंग टेबल पर हम सब कुछ मिस करते है। रोजमर्रा के खान -पान में जो बात खटकती है वो है हमारे परंपरागत व्यंजन। लगभग चार दशक पहले तक भारतीय भारतीय थाली में मौसम के अनुकूल व्यंजन परोसने की परंपरा रही है। धीरे धीरे भारतीय किचन में बदलाव आता गया और मोटे अनाज रसोई घर से दूर होते गए।
मोटे अनाजों की श्रृंखला में बाजरा एक प्रमुख अन्न है। देश में बाजरे का प्रयोग विभिन्न तरह के व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। सर्दियों के मौसम में गर्मागर्म बाजरे की खिचड़ी का स्वाद तो लाजवाब होता है। राजस्थान की इस पारंपरिक डिश के देशभर में लोग दीवाने हैं। बाजरे की रोटी को लोग बहुत ही चाव से खाते है। आप परिवार के लिए स्वादिष्ट लंच या डिनर बनाने के लिए भरवा बैंगन, पंचमेल दाल और मूली रायता के साथ बाजरी की रोटी परोस सकते हैं। बाजरा कैल्शियम से भरपूर होता है। इसके अलावा बाजरे में विटामिन बी, फाइबर, प्रोटीन, कार्ब, आयरन, खनिज और फाइटेट, फिनोल और टैनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स भी पाए जाते हैं। आईये जानते है बाजरे के बने व्यंजनों के फायदे के बारे में।
1.बाजरे की तासीर गरम होती है इसलिए सर्दियों में इसके सेवन से आपका शरीर अंदर से गर्म रहता है।
2.बाजरे के आटे में दूसरे अनाज की तुलना में अधिक ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है।
3.बाजरे में पेट सम्बंधी रोग , कफ , बलगम को ठीक करने वाले गुण होते है।
4.बाजरे के आटे में हल्दी और सरसों का तेल मिलाकर एक अच्छा उबटन बनता है जिससे त्वचा में निखार आता है।
5.छिलका उतारने पर अनाजों का थायमिन और फाइबर नष्ट हो जाता है। अत: बाजरा खिचड़ी के रूप में खाने से ज्यादा फायदा होता है।
6.बाजरा फाइबर का बड़ा स्रोत होता है इससे पाचन क्रिया और लीवर ठीक रहता है।पेट के अल्सर से पीड़ित लोगो के लिए भी बाजरा लाभकारी है।