मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जिस व्यक्ति पर मां सरस्वती की कृपा हो जाती है वह विद्वान कहा जाने लगता है। ऐसी मान्यता है कि विद्या और कला का वरदान मां सरस्वती को प्रसन्न करके ही पाया जाता है।
Basant Panchami 2022 : मां सरस्वती ज्ञान और विद्या की देवी है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जिस व्यक्ति पर मां सरस्वती की कृपा हो जाती है वह विद्वान कहा जाने लगता है। ऐसी मान्यता है कि विद्या और कला का वरदान मां सरस्वती को प्रसन्न करके ही पाया जाता है। देवी सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करके प्रसन्न किया जाता है। इस बार बसंत पंचमी के दिन दो शुभ योग भी बनने जा रहे हैं। 5 फरवरी को मकर राशि में सूर्य और बुध के रहने से बुधादित्य योग बन रहा है। वहीं केदार योग का भी निर्माण हो रहा है। इस कारण बसंत पंचमी की महत्ता कहीं ज्यादा बढ़ गई है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह समय ऐसा समय होता है जब मौसम माघ मास से फाल्गुन की ओर धीरे धीरे बढ़ने लगता है।हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रात: 03:47 बजे से होगा, यह अगले दिन रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक मनाई जाएगी।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि
प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रातः: 03:47 बजे से रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक
पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:35 तक
सिद्ध योग शाम 05 बजकर 42 मिनट तक
इस दिन पाठ्य सामग्री जैसे कलम और कॉपी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निम्नलिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।