बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है।इस मौसम में पूरे वातावरण में मादकता छाई रहती है। पशु ,पक्षी पेड़ पौधे मानव सभी इस ऋतु में आनंद महसूस करते है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा सदियों से होती आ रही है।
Basant Panchami 2022: बसंत को ऋतुओं का राजा कहा जाता है।इस मौसम में पूरे वातावरण में मादकता छाई रहती है। पशु ,पक्षी पेड़ पौधे मानव सभी इस ऋतु में आनंद महसूस करते है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा सदियों से होती आ रही है। इस बार ये पूजा 5 फरवरी के दिन होने का मुहूर्त है। 5 फरवरी को मकर राशि में सूर्य और बुध के रहने से बुधादित्य योग बन रहा है। वहीं केदार योग का भी निर्माण हो रहा है।हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रात: 03:47 बजे से होगा, यह अगले दिन रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक मनाई जाएगी।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि
प्रारंभ 05 फरवरी यानी शनिवार को प्रातः: 03:47 बजे से रविवार को प्रातः: 03:46 बजे तक
पूजन का मुहूर्त सुबह 07:07 बजे से लेकर दोपहर 12:35 तक
सिद्ध योग शाम 05 बजकर 42 मिनट तक
इस दिन पाठ्य सामग्री जैसे कलम और कॉपी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन निम्नलिखित कार्यों को करना बेहद शुभ माना जाता है जैसे, मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा, घर की नींव रखना, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार शुरू करना आदि।