अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान (Pakistan) को कर्ज जारी करने से पहले एक और शर्त लगा दी है। उसने पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) से कहा कि वह पहले वित्त वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित बजट पर उससे विचार-विमर्श करे। पाकिस्तानी मीडिया (Pakistani Media) में छपी खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार (Pakistan's Shahbaz Sharif Government) इसके लिए राजी हो गई है।
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान (Pakistan) को कर्ज जारी करने से पहले एक और शर्त लगा दी है। उसने पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) से कहा कि वह पहले वित्त वर्ष 2023-24 के प्रस्तावित बजट पर उससे विचार-विमर्श करे। पाकिस्तानी मीडिया (Pakistani Media) में छपी खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार (Pakistan’s Shahbaz Sharif Government) इसके लिए राजी हो गई है।
लेकिन अखबार द न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि बजट और राजकोषीय घाटे (Budget and Fiscal Deficit) पर चर्चा ही वो आखिरी रुकावटें नहीं हैं, जिनके हटने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) को आईएमएफ (IMF) का ऋण मिल जाएगा। आईएमएफ(IMF) ने पिछले साल पाकिस्तान के लिए 6.5 बिलियन डॉलर का कर्ज मंजूर किया था। उसकी पहली किस्त के तौर पर पाकिस्तान को 1.1 बिलियन डॉलर मिलना है। लेकिन यह रकम महीनों से लटकी हुई है। इस बीच पाकिस्तान (Pakistan) के कर्ज चुकने में अक्षम (डिफॉल्टर) होने की आशंकाएं गहराती चली जा रही हैं।
कर्ज जारी करने से पहले आईएमएफ (IMF) ने पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक हालत और उसके वित्तीय कार्यक्रमों को लेकर समीक्षा बैठकें शुरू की थीं। इन सिलसिले में आठ बैठकें पूरी हुईं। लेकिन नौवीं बैठक में आईएमएफ (IMF) ने शर्तें रखीं, उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया। आईएमएफ के मुताबिक पाकिस्तान ने अभी तक उन शर्तों को पूरा नहीं किया है, जबकि पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) का दावा है कि वह सारी शर्तें पूरी कर चुकी है। इसी विवाद के कारण आईएमएफ ने दसवीं समीक्षा बैठक को रद्द कर दिया था।
क्या ऐसी कोई संभावना है, जिससे नौवीं और दसवीं समीक्षा बैठकों को एजेंडे पर विचार-विमर्श के लिए एक साझा बैठक हो, यह सवाल एक समाचार एजेंसी ने आईएमएफ IMF) के पाकिस्तान मिशन चीफ नाथन पोर्टर (Pakistan Mission Chief Nathan Porter) के सामने रखा। इस पर उन्होंने कहा कि समीक्षा की प्रक्रिया अपने क्रम के हिसाब से ही चलेगी। उन्होंने कहा कि ‘आईएमएफ (IMF) के सभी प्रोग्राम में अधिकारी एक लेटर ऑफ इंटेन्ट जारी करते हैं। इसका संबंध पिछली समीक्षा बैठक से होता है। इस पत्र में नीति संबंधी उद्देश्यों का विवरण रहता है।’
नौवीं समीक्षा बैठक पिछले नवंबर में हुई थी। विश्लेषकों ने ध्यान दिलाया है कि 6.5 बिलियन डॉलर का कर्ज 2019 में पाकिस्तान के लिए तय बेलआउट कार्यक्रम के तहत मंजूर किया गया था। इसलिए यह प्रोग्राम जून में पूरा हो जाएगा। आशंका है कि अगर तब तक कर्ज की किस्तें जारी नहीं हुईं, तो ये पूरा प्रोग्राम एक्सपायर कर जाएगा (यानी उसकी अवधि समाप्त हो जाएगी)।
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने आईएमएफ (IMF) की नई शर्तों के बारे में टिप्पणी करने से फिलहाल इनकार किया है। इस हफ्ते गुरुवार को वित्त मंत्री इशहाक डार (Finance Minister Ishaq Dar) ने फिर दावा किया था कि नौवीं समीक्षा बैठक के तहत पाकिस्तान के सामने जो एजेंडा रखा गया था, शहबाज शरीफ सरकार उस पर पूरा अमल कर चुकी है।
पाकिस्तान के टीवी चैनल जियो न्यूज (Pakistan TV Channel Geo News) की एक रिपोर्ट के मुताबिक शहबाज शरीफ सरकार (Shahbaz Sharif Government) 2023-24 का संघीय बजट नौ या दस जून को नेशनल असेंबली में पेश करेगी। चैनल ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि सरकार बजट तैयार करने के सिलसिले में उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन इस महीने के मध्य से शुरू करेगी। सरकार की कोशिश है कि इन बैठकों के पहले आईएमएफ (IMF) के साथ कोई सहमति बन जाए, ताकि उससे मिलने वाली रकम को ध्यान में रख कर बजट में आवंटन तय किए जाएं।