मंगलवार को रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक (real estate company supertech) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कंपनी के नोएडा (Noida) में अपने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट (housing project) में बनाए गए दो 40-मंजिल टावरों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इन टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और सुपरटेक (supertech) के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था।
नई दिल्ली। मंगलवार को रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक (real estate company supertech) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कंपनी के नोएडा (Noida) में अपने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट (housing project) में बनाए गए दो 40-मंजिल टावरों को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि इन टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण (Noida Authority) और सुपरटेक (supertech) के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कंपनी को फ्लैट खरीदारों को ब्याज के साथ पैसे वापस करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने कहा कि, नोएडा सेक्टर—93 में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में करीब एक हजार फ्लैटों वाले ट्विन टावरों का निर्माण नियमों के उल्लंघन करके किया गया है।
सुपरटेक द्वारा इन्हें अपनी लागत पर तीन महीने की अवधि के भीतर तोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही सुपरटेक को इन ट्विन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ रकम वापस करने का भी आदेश दिया है। इसके साथ ही फैसले में कहा गया कि इन टॉवर्स को तोड़ते समय भवनों को नुकसान नहीं होना चाहिए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह ने इस मामले की सुनवाई की। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में इन टॉवर्स को गिराने के निर्देश दिए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने अब सही माना है।