साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने है। चुनाव से पहले ही पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है। वहीं बिहार चुनाव से पहले एनडीए में खलबली मची हुई है। सीट बंटवारे को लेकर अब भाजपा पर हम पार्टी के संस्थापक और केंद्रिय मंत्री जीतन राम मांझी ने घेरा है। एनडीए के घटक दल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि अगर सीट बंटवारे में पार्टी को 15 सीटें नहीं मिली तो वह अकेले 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
पटना। साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव होने है। चुनाव से पहले ही पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे है। वहीं बिहार चुनाव से पहले एनडीए में खलबली मची हुई है। सीट बंटवारे को लेकर अब भाजपा पर हम पार्टी के संस्थापक और केंद्रिय मंत्री जीतन राम मांझी ने घेरा है। एनडीए के घटक दल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि अगर सीट बंटवारे में पार्टी को 15 सीटें नहीं मिली तो वह अकेले 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रिय मंत्री जीतनराम मांझी ने रविवार को कहा कि हमारा मकसद इस बार मान्यता प्राप्त दल बनना है। इसके लिए पार्टी को कम से कम आठ सीटों पर जीतना होगा। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब पार्टी को एनडीए गठबंधन में कम से कम 15 सीटें मिले। केंद्रिय मंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं मिली तो उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरेगी और करीब 100 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। यह चुनाव उनके लिए करो या मरो की स्थिति वाला है, क्योंकि पार्टी को बने हुए 10 साल हो चुके हैं। अभी तक निबंधित पार्टी बने रहना उनके लिए अपमानजनक है। मांझी ने दावा किया कि उनके 10-15 हजार वोट हर विधानसभा क्षेत्र में मौजूद है और इस आधार पर वे अकेले भी छह प्रतिशत वोट हासिल कर सकते हैं।
एनडीए और महागठबंधन दोनों की पेंच फंसी हुई
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। दोनों गठबंधन में शामिल दल ज्यादा से ज्यादा सीटों मांग रही है। एनडीए में पहले से ही चिराग पासवान ने पेंच फंसा रखा था। अब मांझी ने भी अपना रूख स्पष्ट कर दिया है। मांझी का यह बयान नीतीश कुमार और बीजेपी के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। वहीं महागठबंधन में दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है। पहले से ही मुकेश वाहनी 60 सीटों की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा अब महागठबंधन में झामुमो और पशुपति पारस की पार्टी आरएलजेपी भी शामिल हो गई है। ऐसे में सभी दलों के बीच सीट का बंटवारा तेजस्वी और कांग्रेस के लिए परेशानी बना हुआ है।