1. हिन्दी समाचार
  2. टेलीविजन
  3. Birthday Special: ‘रामायण’ सीरियल में ‘प्रभु राम ‘का ऐतिहासिक किरदार निभाने के लिए अरुण गोविल को करना पड़ा था ये बड़ा त्याग

Birthday Special: ‘रामायण’ सीरियल में ‘प्रभु राम ‘का ऐतिहासिक किरदार निभाने के लिए अरुण गोविल को करना पड़ा था ये बड़ा त्याग

एक ऐसा ऐतिहासिक किरदार जो दशकों से दर्शकों की दिल और दिमाग पर छाया हुआ है उस ऐतिहासिक किरदार को निभाने वाले व्यक्ति का आज जन्मदिन है। जिसे हर कोई जानता और पहचानता है। हम बात कर रहे हैं प्रभु श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के बारे में। जिन्हें देखकर लोगो को आज भी प्रभु राम की छवि नजर आती है।

By प्रिन्सी साहू 
Updated Date

Birthday Special: एक ऐसा ऐतिहासिक किरदार जो दशकों से दर्शकों की दिल और दिमाग पर छाया हुआ है उस ऐतिहासिक किरदार को निभाने वाले व्यक्ति का आज जन्मदिन है। जिसे हर कोई जानता और पहचानता है। हम बात कर रहे हैं प्रभु श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) के बारे में। जिन्हें देखकर लोगो को आज भी प्रभु राम की छवि नजर आती है।

पढ़ें :- IndiGo Crisis : आपदा में अवसर, हवाई किराए ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, पटना-मुंबई का टिकट 60 हजार के पार

वो ऐसा ऐतिहासिक किरदार श्री राम का जिसे निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil)  का आज जन्मदिन है। उनके लिए कहा जाता है जब उन्हें लोग जहां भी देखते थे वहीं उनके पैर छूने लगते थे अपना दुख दर्द बताने लगते थे। ऐसा खुद अरुण ग्रोविल कई बार अपने इंटरव्यू में बताते नजर आते थे। अस्सी के दशक में एक ऐसा ऐतिहासिक टीवी सीरियल रामायण (Ramayana)  जिसे देखने के लिए लोग अपने काम को जल्दी से निपटा लेते थे ताकि भगवान राम के दर्शन कर सकें।

लोग अरुण गोविल (Arun Govil)  में ही भगवान राम को देखने लगे थे। ऐसा सीरियल जिसे देखने के लिए सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। टीवी के सामने धूप और दीया रखा जाता था ताकि भगवान राम खुश हो सके। आस्था का यह अद्भूत दृश्य का आप अंदाजा नहीं लगा सकते जो रामायण (Ramayana) के दौर में हुआ करता था। इतना ही नहीं बीमारों और दुखियों को टीवी के सामने बैठा दिया जाता था ताकि प्रभु राम की कृपा दृष्टि उन पर पड़े और उनका कल्याण हो सके। यही छाप दशकों से फैंस के दिलों में बनाएं रखना इतनी छोटी बात नहीं है। आज भी उन्हें देख लोग उस दौर को याद करते है।

12 जनवरी 1958 में हुआ था जन्म

अरुण गोविल (Arun Govil)  का जन्म उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। उन्होंने मेरठ विश्वविद्यालय से स्नातक किया। 17 साल की उम्र में बिजनेस के सिलसिले में मुंबई आ गए यहां आकर उनके मन में एक्टिंग का जुनून जागा। शुरुआत में उन्होंने कई फिल्मों में साइड हीरो का किरदार निभाया। वहीं बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म 1977 में पहेली थी। इसके बाद उन्हें सावन को आने दो फिल्म में ब्रेक मिला। उस वक्त यह फिल्म काफी चली थी।

पढ़ें :- भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत 112 के खिलाफ FIR दर्ज, पहाड़ी पर दीप जलाने के लिए जबरन कर रहे थे चढ़ाई

इसके बाद उन्होंने विक्रम बेताल धारावाहिक से फेमस हुए। इसके बाद अरुण गोविल को रामानंद सागर के रामायण में मौका मिला। अरुण गोविल को भगवान राम का किरदार मिला। उन दिनों वो सिगरेट पीते थे, लेकिन भगवान राम का किरदार निभाने के लिए उन्होंने सिगरेट छोड़ दी। भगवान राम का ऐतिहासिक किरदार निभाने के बाद उनका जीवन बदल गया। उनके लिए कहा जाता है कि लोग उन्हें जहां भी देखते थे उनके पैर छूने लगते थे उनसे आर्शीवाद मांगते थे। इतना ही नहीं अपना दुख और दर्द भी शेयर करते थे। वो दौर ऐसा था कि उनकी तस्वीर के सामने लोग अगरबत्ती जलाते थे।

ऐसे मिला था ब्रेक

अरुण गोविल (Arun Govil)  के बड़े भाई विजय गोविल ने एक्ट्रेस तब्बसुम से शादी की थी। भाभी तब्बसुम ने ही सबसे पहले अरुण गोविल (Arun Govil)  को ताराचंद बड़जात्या से मिलवाया था। उन्होंने अरुण गोविल के साथ तीन फिल्मों की डील साइन कर ली। इसके बाद उन्‍होंने 1977 में आई ‘पहेली’ से डेब्‍यू किया। तीन फिल्मों की डील में उनकी पहली रिलीज फिल्म ‘सावन को आने दो’ रही जो ब्लॉकबस्टर बनी। 1981 में आई ‘जियो तो ऐसे जियो’ भी सुपरहिट रही। टीवी और बॉलिवुड के अलावा अरुण गोविल ने भोजपुरी, बंगाली, तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं की फिल्मों में भी काम किया।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...