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Birthday Special: बेहद निराले हैं लालू यादव से जुड़े ये 5 विवाद, कभी की सड़कों की हेमामालिनी के गाल से तुलना तो कभी….

लालू प्रसाद 1990 से 1997 तक बिहार के सीएम रहे। बाद में वो 2004 से 2009 तक केंद्र की UPA  गवर्नमेंट में रेल मंत्री रहे। 2009 में वो बिहार के सारण से सांसद चुने गए। लेकिन 2013 में बहुचर्चित चारा घोटाला  के केस में रांची स्थित CBI की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया और 5 साल कारावास का दंड सुना दिया गया।

By आराधना शर्मा 
Updated Date

नई दिल्ली: आज बिहार के पूर्व सीएम और RJD के नेता लालू प्रसाद यादव का जन्मदिन है। 11 जून, 1948 को जन्म लेने वाले लालू प्रसाद यादव 73 वर्ष के हो चुके है। चारा घोटाला में सजा काट रहे लालू को हाल ही में जमानत पर जेल से रिहाई दी गई है। उनका बिहार की राजनीति में कई दशकों से अच्छा खासा बोलबाला रहा है।

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हालांकि उन्होंने केंद्र की भी राजनीति की है और वो केंद्र सरकार में मंत्री भी  रह चुके हैं। मीडिया में आई एक रिपोर्ट के बाद कि लालू प्रसाद यादव के कई ठिकानों पर जांच एजेंसियों ने छापेमारी की है, लालू ने ट्वीट करके भाजपा को नए गठबंधन साथी मिलने की बधाई दी।

इस ट्वीट ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया और लोग यह कयास लगाने लगे कि लालू और नीतीश में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और बिहार में महागठबंधन खतरे में है। लालू यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है। ठेठ बोली और देशी अंदाज वाले इस भारतीय राजनेता के विवाद भी निराले रहे हैं। आगे देखिये लालू प्रसाद यादव के विवाद… 

चारा घोटाला

1996 में सामने आए अपने तरह के इस अजीबोगरीब घोटाले ने बिहार की राजनीति को हमेशा के लिए बदल दिया। तब बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव ही थे और उन्हें इस घोटाले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया। पशुओं को खिलाए जाने वाले चारे के नाम पर सरकारी खजाने में बड़ स्तर का फर्जीवाड़ा हुआ था। एक अनुमान के मुताबिक इस घोटाले में सरकारी खजाने को करीब 900 करोड़ का नुकसान पहुंचा था। उस समय का यह सबसे बड़े घोटाले में से एक था। 1997 में उन्हें घोटाले के आरोप में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर जेल जाना पड़ा। इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर उन्हें लोकसभा से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया।

ओमपुरी के गाल जैसी बिहार की सड़कों को हेमामालिनी के गाल जैसा बनाएंगे

लाली प्रसाद यादव तब बिहार के युवा मुख्यमंत्री थे। उन्होंने कहा था कि बिहार की सड़के अभी ओमपुरी के गाल की तरह हैं पर वे इन्हे हेमामालिनी के गाल की तरह बनाने का वादा करते हैं। लालू यादव के इस बयान के बाद खूब विवाद हुआ। उनकी चारो तरफ निंदा भी हुई। आज भी उनके इस बयान की चर्चा होती रहती है। खैर 2016 में अपने इस बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए लालू यादव ने कहा था कि वे हेमामालिनी का बेहद सम्मान करते हैं और उन्हें पसंद भी करते। हेमामालिनी के नाम पर उन्होंने अपनी एक बेटी का नाम भी हेमा रखा है।

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लालकृष्ण अडवाणी की गिरफ्तारी

मंदिर आंदोलन के वक्त जब भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी रथ यात्रा कर रहे थे तो लालू यादव ने उनकी रथयात्रा रोककर उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। लालू यादव बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे। 23 अक्टूबर 1990 को जब आडवाणी का रथ बिहार के समस्तीपुर में पहुंचा तो बिहार पुलिस ने उनकी रथयात्रा रुकवाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

माफिया डॉन शहाबुद्दीन से नजदीकी

बिहार के बाहुबली नेता और माफिया डॉन शहाबुद्दीन अभी जेल में है लेकिन यह बात किसी से छुपी नहीं है कि लालू यादव अभी भी शहाबुद्दीन के संपर्क में रहते हैं। हाल ही में लालू और शहाबुद्दीन की बातचीत का एक कथित ऑडियो टेप सामने आया था। वे लालू ही थे जिन्होंने शाहबुद्दीन को आशीर्वाद देकर अपनी पार्टी, जनता दल के युवा मोर्चे में प्रवेश करवाया था। शाहबुद्दीन आज भी जनता दल के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हैं।

मिट्टी घोटाला

लालू यादव इतने जमीन से जुड़े हुए नेता हैं कि जिन घोटालों में उनका नाम आता है वह भी जमीन से ही जुड़े होते हैं। पहले मिट्टी में पैदा होने वाले चारा घोटाले में उनका नाम आया और अब खुद मिट्टी के ही घोटाले में उनका नाम आया है। बिहार के भाजपा नेता सुशील मोदी ने लालू यादव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उपने परिवार के एक शॉपिंग मॉल के निर्माण से निकली मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान को बेच दिया वह भी बिना टेंडर के। मिट्टी को 90 लाख रुपए में बेचा गया। गौरतलब है कि जिस उद्यान को मिट्टी बेची गई वह बिहार के पर्यावरण और वन विभाग के अंतर्गत आता है जिसका मंत्रालय लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप के हाथ में है।

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