पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा (Lok Sabha MP Mahua Moitra) के संसद सदस्यता रद्द होने पर कड़ी प्रतिकिया दी है। उन्होंने कहा कि ये बीजेपी की बदले की राजनीति है। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की। यह अन्याय है और महुआ लड़ाई जीतेगी। जनता न्याय देगी। वे (BJP ) अगले चुनाव में हार जाएंगे।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा (Lok Sabha MP Mahua Moitra) के संसद सदस्यता रद्द होने पर कड़ी प्रतिकिया दी है। उन्होंने कहा कि ये बीजेपी की बदले की राजनीति है। उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की। यह अन्याय है और महुआ लड़ाई जीतेगी। जनता न्याय देगी। वे (BJP ) अगले चुनाव में हार जाएंगे।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता शुक्रवार को रद्द कर दी गई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सांसद महुआ मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया था जिसे सदन में ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई। महुआ के खिलाफ ये एक्शन कैश फोर क्वेरी यानी पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के केस में लिया गया है। विपक्षी दलों ने महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द करने का जमकर विरोध किया है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने भी महुआ के समर्थन में बड़ी बात कही है।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा कि ये बीजेपी की बदले की राजनीति है, उन्होंने लोकतंत्र की हत्या की। ममता ने कहा कि यह अन्याय है और महुआ लड़ाई जीतेगी, जनता उन्हें न्याय देगी। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अगले चुनाव में हार जाएगी। ममता ने कहा कि मैं आपको बता रहा हूं कि महुआ मोइत्रा परिस्थितियों की शिकार है। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं, यह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। ममता ने कहा कि हमारी पार्टी इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ेगी।
क्या बोले विपक्षी दल?
महुआ के खिलाफ हुए एक्शन पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह फैसला आधारहीन तथ्यों के आधार पर और बदले की भावना से किया गया है। शिवसेना यूबीटी की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आरोप लगाने वाले के बयान के आधार पर ये फैसला लिया गया। यह फैसला न्याय की स्वाभाविक प्रक्रिया के ख़िलाफ है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव सत्ताधारी दल विपक्ष के लोगों की सदस्यता लेने के लिए किसी सलाहकार को रख ले, जिससे मंत्रीगण व सत्ता पक्ष के सासंदों और विधायकों का समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों में न लगकर लोकहित के कार्यों में लगे। जिन आधारों पर सांसदों की सदस्यता ली जा रही है, अगर वो आधार सत्ता पक्ष पर लागू हो जाएं तो शायद उनका एक दो सासंद-विधायक ही सदन में बचेगा। कुछ लोग सत्ता पक्ष के लिए सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं।