पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद शुक्रवार को भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने घर वापसी कर ली यानी वह टीएमसी में लौट आए हैं। वह अपने बेटे सुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय पहुंचे और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की मौजूद में पार्टी की सदस्यता ली है। इस दौरान अभिषेक बनर्जी भी मौजूद रहे।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हार के बाद शुक्रवार को भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय ने घर वापसी कर ली यानी वह टीएमसी में लौट आए हैं। वह अपने बेटे सुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस के मुख्यालय पहुंचे और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की मौजूद में पार्टी की सदस्यता ली है। इस दौरान अभिषेक बनर्जी भी मौजूद रहे।
बता दें कि मुकुल रॉय की करीब चार साल बाद घर वापसी हुई है। नवम्बर 2017 में टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले मुकुल रॉय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से आज लंबी चर्चा के बाद उनकी पार्टी का दामन थामा है। इसके बाद उन्होंने कहा कि घर में आकर अच्छा लग रहा है। पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी का है और रहेगा। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी में नहीं रह पा रहा था।
वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुझे खुशी है कि मुकुल घर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी में गए कई और नेता वापस आना चाहते हैं? हमने कभी भी किसी की पार्टी नहीं तोड़ी। हमने एजेंसियों का इस्तेमाल नहीं किया है। जो आना चाहते हैं वही पार्टी में आ रहे हैं। सिर्फ इमानदार नेताओं के लिए टीएमसी में जगह है।
मुकुल रॉय की घर वापसी टीएमसी की वह रणनीति है, जिसके तहत उसने ‘गर्म लोहे पर हथौड़ा’ मारा है। मतलब पश्चिम बंगाल में बीजेपी को रोकने की रणनीति के तहत टीएमसी ने 2024 में होने वाले आम चुनाव की बिसात की तैयारी रॉय को अपनी ओर खींचकर की है।
टीएमसी अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए और अपने भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए, राज्य में बीजेपी विरोधी भावना को भुनाने के लिए उत्सुक है। पुराने नेताओं की घर वापसी से जुड़े ऑपरेशन पर टीएमसी नेताओं और पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है और इसे टॉप सीक्रेट बरकरार रखा हुआ है।
जबकि टीएमसी अन्य नेताओं को भी घरवापसी के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इन नेताओं में पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी, पूर्व विधायक प्रबीर घोषाल और सरला मुर्मू शामिल हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव ने इन तीनों को शिकस्त मिली थी। मिली जानकारी के अनुसार, टीएमसी से बीजेपी में गए कुछ मौजूदा विधायक भी अपनी पुरानी पार्टी में वापस आना चाहते हैं।
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से मुकुल रॉय ने बीजेपी से दूरी बनाई हुई थी। बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी दो जून को मुकुल रॉय की बीमार पत्नी को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। इसके बाद ही इस बात की अटकलें तेज हो गयीं कि राजनीतिक समीकरण में बदलाव आ सकता है। रॉय बीजेपी में आने से पहले तृणमूल कांग्रेस में महासचिव थे। हाल ही में अभिषक बनर्जी को महासचिव बनाया गया है।
गौर करने वाली बात यह है कि जब टीएमसी से भाजपा में जाने वाले नेताओं की कतार लगी थी, तो उसमें मुकुल रॉय सबसे पहले नंबर पर थे। वह ममता बनर्जी के सबसे खास माने जाते थे, लेकिन पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाकर उन्हें टीएमसी से बाहर कर दिया गया था। बता दें कि इस वक्त भाजपा में ऐसे कई नेता हैं, जो टीएमसी में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में मुकुल रॉय को लेकर लगातार अटकलें लग रही थीं।